रायपुर की जीवनधारा खारून एक बार फिर प्रदूषण की चपेट मे, प्रशासन बेखबर!
रिपोर्ट – विभोर दुबे
रायपुर. राजधानी रायपुर की जीवनधारा कही जाने वाली खारुन एक बार फिर प्रदूषण की चपेट मे है, प्लास्टिक, केमिकल, जलकुंभी और न जाने कई प्रकार का कचरा इसमें बहता हुआ देखा जा सकता है। हर साल सफाई के बड़े दावे किये जाते हैं फिर भी स्थिति जस की तर देखने को मिलती है। रायपुर शहर की कई बड़ी नलियाँ इसमें जाकर मिलती हैं, शहर के महादेव घाट, उर्ला एवं औद्योगिक क्षेत्र के कई इकाई का वेस्ट भी इसमें बहाया जाता है। महादेव घाट के लक्ष्मनझुला के पास साफ साफ पानी पर कचरा दिखाई दे रहा है, केमिकल युक्त झाग जो की न सिर्फ हमारे लिये हानिकारक है बल्कि जैव विविधता को भी नुकसान कर रहा है। महादेवघाट मे हटकेश्वर् महादेव की मन्दिर की पास ही ऐसा नजारा मन को दुखी करने वाला है, कई धार्मिक आयोजन के मध्यम से जनता एवं नागरिकों से अपील की जाती है फिर भी कचरा नदी मे बह दिया जाता है। चिंगरि नाला से बड़े पैमाने मे प्रदूषण यहाँ आ रहा है, प्रशासन को सख्ती से अमला तैनात करते हुए इसका निराकरण करना चाहिए नही तो रायपुर भी पेयजल के संकट के अधीन आ जाएगा, जन मानस से भी अपेक्षा है की वो भी विसर्जन की सामग्री मे से पॉलीथीन को अलग करके विसर्जन करें ताकि कम से कम एक पक्ष से तो सहयोग की निरंतरता बनी रहे।