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वीणा से भी तेज कौशल्या !ट्रांसफर, पोस्टिंग का खेल अधिकारियों की पहली पंसद कोरबा और रायगढ़

 

रिपोर्टर=शेखर ठाकुर

 

राजनांदगांव . प्रदेश सहित जिलेभर में अधिकारी और कर्मचारी अपनी ट्रांसफर, पोस्टिंग के नाम से बेचैन नजर आ रहे है. सरकार द्वारा जुलाई माह में ट्रांसफर, पोस्टिंग के लिए खिड़की खोल दी जाती है. लेकिन इस बार जुलाई माह भी बीतने को है और सरकार खुद ट्रांसफर, पोस्टिंग के पेंच में फंसी हुई नजर आ रही है. सूत्र बता रहे है कि पहली सरकार में हुई गलती, इस सरकार में ना हो. इसलिए हर कदम फूंक- फंूककर रखा जा रहा है. फिर भी कुछ लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है. जिसके चलते हर दिन ट्रांसफर, पोस्टिंग की लिस्ट में कांट-छाट की जा रही है.

वीणा से भी तेज कौशल्या !

जी हाँ, आपको बता ही है कि वीणा जो अपने स्वभाव और अपनी सरल छवि से हर वह कार्य आसानी से करवा लेती थी, और अपने पतिदेव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती थी. उनका एक स्वभाव अच्छा था कि वे अपने पतिदेव की छवि को कभी खराब होने नहीं दिया. चाहे कोई कितना भी कीचड़ उछाला हो, कभी भी अपने पतिदेव पर दाग लगने नहीं दिया. लेकिन ठीक उसे विपरीत है. कौशल्या. जी हाँ, आपको बता दे कि कौशल्या के पतिदेव जितने सरल, सौम्य और नरम दिल के है, उससे विपरीत कौशल्या है. कौशल्या को हर उस काम में हिस्सेदारी चाहिए. जो उसके पतिदेव के पास से होकर गुजरती हो, महज अभी 6 माह ही हुए है मैदान में उतरे और एकल खिड़की प्रणाली शुरू कर दी गई है. इससे पतिदेव की छवि खराब होना शुरू हो गई है. लेकिन पतिदेव भी क्या करें. हर घर की कहानी है, पत्नी के आगे पति को छुकना ही पड़ता है. अब धीरे- धीरे पतिदेव कठोर होना शुरू हो गए है. पुत्र को साईड लगा दिया है और पत्नी के कार्यों पर भी नजर रखनी शुरू कर दी है.

*अधिकारियों की पहली पंसद कोरबा और रायगढ़*

अभी ट्रांसफर, पोस्टिंग का खेल शुरू हुआ ही नहीं और अधिकारी, कर्मचारी अपनी ओर से ताकत लगाना शुरू कर दिए है. जो लूप लाईन में बैठे है, वे मलाईदार जगह जाना चाह रहे है, तो वहीं जो मलाईदार जगह में बैठे है, वे अपनी कुर्सी का वजन बढ़ाना चाह रहे है और कुर्सी पर वटवृक्ष की तरह जमे रहना चाह रहे है, पर उनकी कहा चलने वाली, जैसा सरकार चाहेगी वैसा ही होगा. सूत्र बता रहे है कि इस बार सरकार की ट्रांसफर नीति दिल्ली से चलने वाली है. रोज ट्रांसफर, पोस्टिंग लिस्ट में फेर बदल हो रहा है. सूत्र तो यह भी बता रहे है कि पहले आईएएस की लिस्ट आएगी, फिर आईपीएस की? उसके बाद शुरू होगा अन्य लोगों के ट्रांसफर पोस्टिंग का सिलसिला. इसी बीच कुछ अधिकारियों की पहली पंसद है कि वे कोरबा और रायगढ़ जैसे मलाईदार जगह पर जाए. इसी बीच बताया जा रहा है कि एक छोटी लिस्ट इसी सप्ताह आने वाली है जिसमें दो से चार आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर संभव है.

*स्वर्ण भूमि की आश… 5 करोड़ का बंगला ?*

आइएएस और आईपीएस अधिकारियों को वीआईपी कालोनी बहुत पंसद है क्योंकि उनको सरकारी बंगले में वह सुविधा नहीं मिल पाती जो वे चाहते है और जब ट्रांसफर होता है तो उन्हें बंगला छोड़ जाना पड़ता है. इसलिए वे वीआईपी कालोनी में अपना बंगला चाहते है और चाहत होनी भी चाहिए. लेकिन 2013 बैच के एक अधिकारी को मजह मैदान में अभी 10 साल ही हुए है और उन्हें स्वर्णभूमि की आश है. सूत्र बता रहे है कि यहां 5 करोड़ का बंगला है और हर वह वीआईपी सुविधा है, जो एक अधिकारी अपने लिए चाहता है. लेकिन एक अनुमान लगाया जाए तो उक्त अधिकारी का वेतन लगभग डेढ़ लाख रूपए महीना है. यानि साल का 18 लाख रूपए और दस साल का 1 करोड़ 80 लाख रूपए वह भी पूरा वेतन बचाता है तो. अब सोचने वाली बात है कि यदि वह 10 साल तक एक भी रूपए नहीं खर्च किया तो उनका घर खर्च चहित अन्य खर्चें कहां से चल रहा है और 5 करोड़ का बंगला कैसे लेगा या ले लिया है?

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