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म्रत आदमी के जमीन का अनुबंध और जीवित का कर लिया हस्ताक्षर?

 

(लक्ष्मीकांत चतुर्वेदी पत्रकार)

 

ब्योहारी। सहकार ग्लोबल कम्पनी द्वारा रेत का अवैध उत्खनन करने के मामले मे जब से रेता का ठेका शहडोल जिले मे लिया गया है तभी से सुर्खियों मे रहा है। रेता ठेका कम्पनी द्वारा पहले तो लीज से हट कर बड़ी – बड़ी मशीने नदी मे उतार कर नियम क़ानून को ठेंगा दिखा उनका सीना छलनी करते हुए नदी की धार को परिवर्तित कर स्वीकृति लीज से हट कर रेत का अवैध उत्खनन किये जाने का आरोप लगता रहा है और अब बर्षात मे नदियों से उत्खनन पर प्रतिबंध होने के कारण कम्पनी के मैनेजर विपुल द्विवेदी द्वारा रेत का भंडारण स्वीकृति कराने के लिये अनुबंध मे फर्जी हस्ताक्षर कर एवं फर्जी दस्तावेज बनाकर मृत ब्यक्ति की भूमि पर भंडारण की अनुमति स्वीकृति करा ली गयी है । जिसकी शिकायत आदित्य प्रताप सिंह द्वारा थाना ब्योहारी और कलेक्टर शहडोल से कर कार्यवाही की मांग की गयी है।

 

विपुल द्विवेदी ने अनुबंध मे अजय तिवारी का किया फर्जी हस्ताक्षर –

 

शिकायतकर्ता आदित्य प्रताप सिंह द्वारा बताया गया की सहकार ग्लोबल कम्पनी द्वारा रेत भंडारण अजय तिवारी नामक ब्यक्ति को अधिकृत करते हुए अनुबंध अजय तिवारी के नाम पर किया गया था लेकिन जिस समय रेत का भंडारण के लिये अनुबंध तैयार कराया गया उस समय अजय तिवारी सिंगरौली मे थे उनके नाम का हस्ताक्षर कम्पनी के मैनेजर विपुल द्विवेदी द्वारा फर्जी तरीके से कर अनुबंध पत्र तैयार कराया गया है। उक्त अनुबंध पत्र मे गवाह के रूप मे मेरे भी हस्ताक्षर है। मुझे इस बात की जानकारी बाद मे हुई की जो हस्ताक्षर अनुबंध मे अजय तिवारी के नाम पर बनाया गया है वो अजय तिवारी नहीं विपुल द्विवेदी है।जैसे ही फर्जी हस्ताक्षर किये जाने की जानकारी मुझे लगी तब मै विपुल द्विवेदी द्वारा किये गये फर्जीवाड़े पर कार्यवाही के लिये शिकायत थाना ब्योहारी सहित कलेक्टर शहडोल से कर जांच करा कर कार्यवाही की मांग की है।

 

फर्जी अनुबंध के बलबूते स्वीकृति कराया रेत का भंडारण-

 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस खसरा क्रमांक मे रेत का भंडारण की स्वीकृति खनिज विभाग से ली गयी है। उस भूमि के भू स्वामी जगन्नाथ सिंह की मृत्यु कई साल पूर्व हो चुकी है, ऐसे मे जब वह इस दुनिया मे है ही नहीं तो फिर जमीन के कोई दस्तावेज प्रस्तुत करने का सवाल ही नहीं उठता किन्तु सहकार ग्लोबल कम्पनी के मैनेजर विपुल द्विवेदी द्वारा फर्जी हस्ताक्षर कर अनुबंध करा कर खनिज विभाग से भंडारण की अनुमति प्राप्त कर ली है।

 

अनुबंध की जांच कराकर आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने की मांग –

 

लोगों की माने तो कोई भी अनुबंध कराने के लिये दोनों पक्षो को नोटरी के समक्ष उपस्थित हो कर नोटरी के सामने दस्तावेज एवं नोटरी के रजिस्टर मे हस्ताक्षर किया जाता है और नोटरी द्वारा दस्तावेज मे लगे फोटो का मिलान करने के बाद ही उसे सत्यापित किया जाता है ऐसे मे सवाल यह उठ रहा कि जब भू स्वामी की मृत्यु हो गयी है तो फिर दस्तावेज मे किसका फोटो लगा कर किसे नोटरी के समक्ष पेस कर नोटरी के रजिस्टर मे हस्ताक्षर कराया गया इन सब की यदि बारीकी से जांच हुई तो पूरा का पूरा मामला स्पष्ट हो जायेगा जिसके लिये लोगों द्वारा अनुबंध की जांच कराकर कम्पनी के मैनेजर विपुल द्विवेदी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गयी है।

 

अनुविभगीय अधिकारी ने खनिज विभाग को जांच के लिये लिखा था पत्र –

 

हासिल जानकारी के अनुसार कम्पनी द्वारा स्वीकृति भंडारण लीज की भूमियो का डायवर्सन कराने के लिये अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ब्योहारी के यंहा पत्र दिया गया था जिस पर आदित्य प्रताप सिंह द्वारा आपत्ति दर्ज करायी गयी थी जिस पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ब्योहारी द्वारा उक्त जमीन का डायवर्सन नही किया गया और जांच हेतु पत्र क्रमांक /प्रा./2024 ब्योहारी दिनांक 11/06/2024 को खनिज विभाग शहडोल भेजा गया जिस पर खनिज विभाग द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं कीगयी बल्कीअनुविभागीय अधिकारी राजस्व के यंहा से डायवर्सन भी हो गया है।

 

खनिज विभाग के रहमो करम पर चल रहा भंडारित रेत का अवैध करोबार

 

सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि खनिज विभाग शहडोल के अधिकारी चांदी के सिक्के के चमक के आगे इस कदर चकाचौध है कि उन्हें कुछ दिखाई नहीं दे रहा और रेत के कारोबारी सहकार ग्लोबल कम्पनी पर मेहरबान हो गयी। नियम, क़ानून को दर किनार कर सभी नियम को शिथिल करते हुए रेत के करोबारियों पर रहम बरता जा रहा है वरना मजाल क्या की बिना जांच डायवर्सन करने की अनुमति दे दी जाय। शिकायतकर्ता द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि मेरे द्वारा डायवर्सन पर आपत्ति लगायी गयी और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा आपत्ति स्वीकार किया जा कर खनिज शाखा शहडोल को जांच हेतु पत्र भेजा गया मगर खनिज विभाग के अधिकारियो द्वारा विपुल द्विवेदी से सांठ गांठ कर बिना जांच कराये ही डायवर्सन करा कर रेत के अवैध करोबार करने हेतु सहकार ग्लोबल कम्पनी को हरी झंडी दे दी गयी है।

 

इनका कहना है –

 

मै उसे कल देखा था ये मैटर अभी नहीं हो पाया था कल देख कर प्रतिवेदन भेजवा दूंगा।

प्रभात पट्टा

खनिज निरीक्षक ब्योहारी शहडोल म. प्र.।

 

मुझे इसकी जानकारी नहीं है आप वंहा के मनेजर से बात कर लीजिए।

उत्तम शर्मा

जीएम सहकार ग्लोबल कम्पनी

कुछ नहीं है सब ऐसा ही है, बांकी सब आप जानते है, वापस आकर आपको फोन लगाता हूँ।

विपुल द्विवेदी

मनेजर सहकार ग्लोबल कम्पनी ब्योहारी

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