भारतीय कुटुंब परम्परा परिवार पर परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी आयोजित

रिपोर्टर,अजय चन्द्रे
खंडवा,,,अखिल भारतीय साहित्य परिषद तहसील इकाई खंडवा पदाधिकारियों, सदस्यों व्दारा जवाहरगंज स्थित उपमन्यु कक्ष में भारतीय कुटुंब परम्परा परिवार पर परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह जानकारी देते हुए प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रंजना जोशी एवं विशिष्ठ अतिथि शिक्षिका कविता जाटव थी।कार्यक्रम की अध्यक्षता कवयित्री
वर्षा उपाध्याय ने की। इस मौके पर संयोजक दीपक चाकरे ने कहा कि भारती कुटुंब परम्परा परिवार पर स्कूल में गुरु पूर्णिमा के सुअवसर पर बच्चों के लिए निबंध प्रतियोगिता करवाई जाएगी। ताकि छात्र अपने कुटुंब को जान सके। व्यंग्यकार सुनील उपमन्यु ने कहा कि प्रसन्नता की बात यह है कि आज मंचासीन मातृशक्ति है। इन्ही मातृशक्ति के बिना भारत अपने परम वैभव को प्राप्त नही कर सकता है।मातृशक्ति से कुटुंब परम्परा का वैभव है। तारकेश्वर चौरे ने कहा कि कुटुंब परम्परा जहाँ विद्यमान है वहां आनन्द ही आनन्द है। पूरा कुटुंब साथ होने से परिवार में प्रेम और शक्ति रहती है। विशिष्ट अतिथि कविता जाटव एवं मुख्य अतिथि रंजना जोशी ने कहा कि कुटुंब का नाम लेते ही सयुंक्त परिवार दृष्टि में आ जाता है। जहाँ सब सुरक्षित रहते है। अध्यक्षता कर रही वर्षा उपाध्याय ने भी कुटुंब परम्परा के लाभ तो एकल परिवार व्यवस्था की हानि बताई। इस अवसर पर भूपेंद्र मौर्य, नितिन बिवाल, निर्मल मंगवानी ने भी अपने विचार काव्य रूप में व्यक्त किए। कार्यक्रम में जयश्री तिवारी, मंगला चौरे, ओमप्रकाश चौरे विशेष रुप से उपस्थित रहे।संचालन दीपक चाकरे ने आभार तारकेश्वर चौरे ने माना।