गौ माता आज दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर, सरकार की और से कोई ठोस कार्यवाही नहीं।

पत्रकार :विष्णु प्रसाद
झालावाड़ चौमहला। जहां भारत में एक तरफ चंद्रयान भेजकर अपना अलग अलग देश में नाम रोशन कर रहा है वही एक तरफ भारत मे आज भी गौ माता की दशा बेहाल है ।जहां मंचो से बड़े बड़े भाषण दिए जाते है की गौ माता के लिए हम गांव शहर मे गौ शाला खोलेंगे।राजस्थान सरकार ने गौ शाला तो खोल दी पर आज भी गौ माता दर दर की ठोकरें खा रही है स्क्रीन पर आप जो ये तस्वीर देख रहे है ये झालावाड़ जिले के गंगधार क्षेत्र की है। किस तरह गौ माता आज भी सड़को पर बैठने को मजबूर हे। सड़को पर गौ माता के साथ हादसे भी हो जाते हे। लोगो की भूख इतनी बड़ गई की चारागाह तक को नहीं छोड़ रहे है ।क्या ये वही सरकारों के दावे है जो कहते थे की हर गौ चारागाह जगह से अतिक्रमण हटेगा पर दावे कागजो मे मे ही सिमित रह गए ।अगर सरकार द्वारा गौ चारागाह पर अतिक्रमण करने वालो पर शिकंजा कसा होता तो आज गौ माता की ये दुर्दशा नही होती।ग्राम पंचायतों में स्थित चारागाह की 100 बीघा भूमि में से अधिकांश पर अतिक्रमण हो रहा है इससे मवेशियों को चारा नहीं मिल पा रहा है। ग्राम पंचायतों की ओर से अतिक्रमण हटाने के कोई खास प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में पशुओं के लिए गोचर भूमि अर्थात चरागाह भूमि आरक्षित कर रखी है। चरागाह भूमि की रक्षा व देखभाल करने का जिम्मा ग्राम पंचायत का होता है। ग्राम पंचायतों द्वारा ध्यान नहीं देने से चरागाह भूमि पर अतिक्रमण हो गया है।उसे हटाने की जिम्मेदारी पंचायत की है, लेकिन पंचायतों द्वारा चरागाह भूमि पर अतिक्रमण हटाने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।