गंगालूर स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल में मुलभूत सुविधाओं की अवश्यकता अधिकारी इस पर ध्यान दे ।

रिपोर्टर – सन्नू हेमला
गंगालूर बीजापुर जिले का अति नक्सल संवेदनशील एवं आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जिसमें सरकार के द्वारा पिछले वर्ष स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोला गया है इसका मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र के बच्चों को अच्छी और सस्ती और मुक्त अंग्रेजी शिक्षा देना है इसी परिपेक्ष में हर महीने सभी स्टाफ मिलकर पेरेंट्स मीटिंग का आयोजन किया जाता है जिसमें टीचर्स और पेरेंट्स बैठकर जो भी समस्या एवं परेशानी रहता है उसको लेकर चर्चा किया जाता है साथ ही साथ अपने स्तर पर समाधान भी निकाला जाता है तथा पेरेंट्स के द्वारा सुझाव भी मांगा जाता है कि इस क्षेत्र में शिक्षा के लिए और बेहतर क्या किया जा सकता है क्योंकि यह क्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी पिछड़ा है तो इस मीटिंग के माध्यम से पेरेंट्स एवं टीचर मिलकर बच्चों के भविष्य को और बेहतर कैसे बनाएं उसका प्लानिंग भी किया जाता है तथा साथ ही साथ बच्चों का लेवल या स्तर क्या है उसको भी पेरेंट्स के सामने रखा जाता है। वर्तमान में इस स्कूल में बहुत से मूलभूत सुविधाओं का अभाव है जैसे – पेयजल की समस्या , शौचालय की समस्या , खेल सामग्री का आभाव , म्यूजिक सिस्टम और आर्ट ऑफ क्राफ्ट सामग्री का आभाव , प्रार्थना एवं कार्यक्रम मंच का आभाव , बाउंड्री वाल की समस्या , बिजली एवं पंखा का आभाव , चपरासी का आभाव , मैदान का समतलीकरण, मध्यान भोजन के लिए बर्तन एवं शेड का आभाव , छोटे बच्चों के लिए खेलने एवं झूलने फिसलने के सामग्री का आभाव इत्यादि समस्याओं से जूझ रहा है क्योंकि यहां पर स्कूल फर्स्ट क्लास से संचालित हो रहा है जिसमें छोटे-छोटे बच्चे पढ़ने आते हैं इन समस्याओं को देखते हुए प्रशासन इसका संज्ञान ले और मूलभूत सुविधा देने का प्रयास करें।गंगालूर बीजापुर जिले का अति नक्सल संवेदनशील एवं आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जिसमें सरकार के द्वारा पिछले वर्ष स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोला गया है इसका मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र के बच्चों को अच्छी और सस्ती और मुक्त अंग्रेजी शिक्षा देना है इसी परिपेक्ष में हर महीने सभी स्टाफ मिलकर पेरेंट्स मीटिंग का आयोजन किया जाता है जिसमें टीचर्स और पेरेंट्स बैठकर जो भी समस्या एवं परेशानी रहता है उसको लेकर चर्चा किया जाता है साथ ही साथ अपने स्तर पर समाधान भी निकाला जाता है तथा पेरेंट्स के द्वारा सुझाव भी मांगा जाता है कि इस क्षेत्र में शिक्षा के लिए और बेहतर क्या किया जा सकता है क्योंकि यह क्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी पिछड़ा है तो इस मीटिंग के माध्यम से पेरेंट्स एवं टीचर मिलकर बच्चों के भविष्य को और बेहतर कैसे बनाएं उसका प्लानिंग भी किया जाता है तथा साथ ही साथ बच्चों का लेवल या स्तर क्या है उसको भी पेरेंट्स के सामने रखा जाता है। वर्तमान में इस स्कूल में बहुत से मूलभूत सुविधाओं का अभाव है जैसे – पेयजल की समस्या , शौचालय की समस्या , खेल सामग्री का आभाव , म्यूजिक सिस्टम और आर्ट ऑफ क्राफ्ट सामग्री का आभाव , प्रार्थना एवं कार्यक्रम मंच का आभाव , बाउंड्री वाल की समस्या , बिजली एवं पंखा का आभाव , चपरासी का आभाव , मैदान का समतलीकरण, मध्यान भोजन के लिए बर्तन एवं शेड का आभाव , छोटे बच्चों के लिए खेलने एवं झूलने फिसलने के सामग्री का आभाव इत्यादि समस्याओं से जूझ रहा है क्योंकि यहां पर स्कूल फर्स्ट क्लास से संचालित हो रहा है जिसमें छोटे-छोटे बच्चे पढ़ने आते हैं इन समस्याओं को देखते हुए प्रशासन इसका संज्ञान ले और मूलभूत सुविधा देने का प्रयास करें।