पुणे में रिश्वत के मामले पर पुलिस उप-निरीक्षक निलंबित, एसीबी ने कर दी बङी कार्रवाई
रिपोर्टर-संजय मस्कर
दर्ज अपराध में कार्रवाई से बचने के लिए रिश्वत मांगने वाले पुलिस उपनिरीक्षक को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इस पुलिस सब-इंस्पेक्टर का नाम तानाजी सरजेराव शेगर है। पुणे में वह पुलिस कमिशनर के चंदन नगर थाने में तैनात थे, इस संबंध में 17 मई को चंदन नगर पुलिस स्टेशन में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। एसीबी की इस कार्रवाई के बाद पुणे पुलिस बल में सनसनी मच गई !
महावितरण विभाग में कार्यरत 40 वर्षीय व्यक्ति ने एसीबी में शिकायत दर्ज करायी थी! शेगर ने बताया कि शिकायतकर्ता के खिलाफ चंदन नगर थाने में मीटर चोरी का मामला दर्ज किया गया है, हम इस अपराध की जांच कर रहे हैं और आगे की कार्रवाई से बचने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी! जैसा कि शिकायतकर्ता ने कहा कि इतना भुगतान करना संभव नहीं था, समझौते के बाद 3 लाख रुपये का समझौता हुआ। इसके बाद शिकायतकर्ता ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद एसीबी की जांच में पता चला कि शेंगर ने रिश्वत मांगी थी, इसी के तहत चंदन नगर थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था! मामला दर्ज होने के बाद 19 मई को शेगर को निलंबित कर दिया गया था।
इस बीच, हडपसर डिवीजन के सहायक पुलिस आयुक्त पूरे मामले की जांच कर रहे थे। शेगर को जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के लिए समय-समय पर नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन जब भी कर्मचारी सहमति पत्र लेकर गया तो शेगर घर पर मौजूद नहीं थे, इसलिए एकतरफा जांच की गई और शेगर को दोषी पाया गया! इसके अलावा यह भी पाया गया है कि वह शेगर के खिलाफ अपराध की जांच में ढिलाई बरत रहे थे!
इन सभी घटनाओं के मद्देनजर, शेगर ने अपने व्यवहार के कारण पुलिस बल को बदनाम किया है। इसलिए, अपर पुलिस आयुक्त मनोज पाटिल ने महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम, 1951 की धारा 25 और 26 और भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 (2) बी के तहत अधिकार का उपयोग करते हुए पुलिस उप-निरीक्षक तानाजी शेगर को निलंबित कर दिया !