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छतरपुर मेडिकल कॉलेज में होगी अपराध विश्लेषण की पढ़ाई

 

रिपोर्ट:हरिओम यादव

 

छतरपुर एमसीआइ के नाम्र्स अनुसार मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव शासन को भेजा गया, जिसमें 19 विभाग से कॉलेज शुरू होगा। कॉलेज शुरू होने से रेडियो थैरिपी और पीडियाट्रिक सर्जरी की सुविधा भी मिलने लगेगी। अभी इन बीमारियों के मरीजों को इलाज के लिए जिले में कोई सुविधा ही नहीं है। एक हाइटेक ब्लड बैंक की सुविधा भी मिलेगी। इसके साथ ही त्वचा से संबंधित रोगों को इलाज भी छतरपुर में होने लगेगा,अभी स्क्नि के लिए कोई विशेषज्ञ नहीं है। फोरेंसिक मेडिसिन एंड टोक्सिकोलॉजी विभाग से अपराध विश्लेषण में भी मदद मिलेगी। इसके तहत विभिन्न तकनीकों, औजारों और रसायनों के माध्यम से पदार्थों और विषाक्त पदार्थों का अध्ययन किया जाता है,जो अपराध के कारण को निर्धारित करने में मदद करता है।

 

मेडिकल कॉलेज की शुरूआत 19 विभागों के साथ की जानी है। इन विभागों के लिए प्रोफे सर,एसोसिएट प्रोफेसर,डेमोस्ट्रेटर,टेक्नीशियन की आवश्यकता और जिला चिकित्सालय में उपलब्धता की विस्तृत जानकारी शासन को भेजी गई है। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज दो हेल्थ सेंटर भी संचालित करेगा। एक सेंटर शहरी और एक ग्रामीण क्षेत्र में होगा। मेडिकल कॉउसिंल ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के मुताबिक मेडिकल कॉलेज के साथ ही जिले के दो हेल्थ सेंटर भी कॉलेज के अंतर्गत संचालित होंगे। एक सेंटर शहरी और दूसरा सेंटर ग्रामीण इलाके में संचालित होगा। इन सेंटरों पर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्र-छात्राएं अपनी सेवाएं देंगे। इन सेंटरों के लिए खजुराहो और नौंगांव के प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के नाम पर विचार चल रहा है। इसके अलावा छतरपुर से नजदीक किसी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर भी विचार किया जा सकता है।

ये विभाग होंगे मेडिकल कॉलेज में

 

छतरपुर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने वाले मेडिकल स्टूडेंट 19 विभागों की पढ़ाई कर सकेंगे। ये विभाग ह्यूमन एनाटॉमी, ह्यूमन फिजियोलॉजी, जैव रसायन, पाथोलॉजी (रक्त बैंक सहित), माइक्रोबायोलॉजी, फार्माकोलॉजी,टॉक्सिकोलॉजी सहित फॉरेंसिक मेडिसिन, समुदाय चिकित्सा, चिकित्सा, पेडियेट्रिक्स, मानसिक रोग चिकित्सा, डीरमैटोलॉजी, वेनेरोलॉजी और लेप्रोसी, ट्यूबरकुलोसिस और रेस्पिरेटरी रोग, सर्जरी, ऑर्थोपैडिक्स, रेडियो-डायग्नोसिस, रेडियोशैपी, ओप्थाल्मोलॉजी, दंत चिकित्सक हैं। इन विभागों की पढ़ाई शुरु होने इनसे संबंधित मरीजों को अब इलाज के लिए झांसी,ग्वालियर नहीं जाना पड़ेगा

मिलेगा रोजगार,बढ़ेगा स्वरोजगार

 

मेडिकल कॉलेज के कोऑडिनेटर डॉ. उमेश पटले का कहना है कि मेडिकल कॉलेज से न केवल इलाके के लोगों को बीमारियों से राहत मिलेगी बल्कि सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। छतरपुर में क्लीनिकल मटेरियल की औसत संख्या बेहतर है,इस वजह से मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए ये जगह बहुत उपयुक्त है। मेडिकल पढ़ाई के साथ ही इलाके के लोगों को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे। स्टाफ,स्टूडेंट ,मरीजों से जुड़ी सेवाओं और सुविधाओं को लेकर स्वरोजगार विकसित होगा। मेडिकल कॉलेज के आसपास एक स्मार्ट सिटी बनकर तैयारी होगी।

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