Dabang Kesari

Latest Online Breaking News

जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, 

 

रिपोर्टर-संजय मस्कर

 

सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर अपराधियों को भी जमानत देने का रास्ता साफ कर दिया है, मगर शर्त ये होगी… सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि त्वरित सुनवाई का अधिकार अभियुक्त का मौलिक अधिकार है, इस अधिकार को जघन्य अपराधों के मामलों में भी नहीं छीना जा सकता, कानून में जमानत के लिए प्रतिबंधात्मक और कठोर प्रावधान संवैधानिक न्यायालय को ऐसे विचाराधीन कैदी को जमानत देने से नहीं रोक सकते !

गंभीर अपराधों में भी दें जमानत-

जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि यदि लंबे समय से जेल में बंद कैदी के मामले में निकट भविष्य में ट्रायल पूरा होने की संभावना नहीं है, तो यह जमानत देने का अच्छा आधार है, जिसे सिर्फ इसलिए अस्वीकार नहीं किया जा सकता कि आरोपी के खिलाफ आरोप बहुत गंभीर है! न्यायालय ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) यानी युएपीए अधिनियम के तहत आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता और उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय नोटों की तस्करी के आरोप में ट्रायल का सामना कर रहे एक आरोपी को जमानत दे दी, क्योंकि वह पिछले नौ वर्षोंं से जेल में था !

जीने का अधिकार सबसे ऊपर-

न्यायालय ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि, संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीने और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार सर्वोपरि और पवित्र है, यदि किसी संवैधानिक न्यायालय को लगता है कि अनुच्छेद 21 के तहत विचाराधीन अभियुक्त के अधिकार का उल्लंघन हुआ है, तो उसे दंड विधान में प्रतिबंधात्मक वैधानिक प्रावधानों के आधार पर जमानत देने से नहीं रोका जा सकता,उस स्थिति में, ऐसे वैधानिक प्रतिबंध रोक नहीं सकेंगें! दंड विधान की व्याख्या के मामले में भी, चाहे वह कितना भी कठोर क्यों न हो, संवैधानिक न्यायालय को संविधानवाद और कानून के शासन के पक्ष में झुकना होगा, स्वतंत्रता जिसकी एक अभिन्न अंग है!

इतने गंभीर आरोप थे आरोपी पर-

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि किसी विशेष मामले के दिए गए तथ्यों में, संवैधानिक न्यायालय जमानत देने से इनकार कर सकता है, लेकिन यह कहना बहुत गलत होगा कि किसी विशेष विधान के तहत जमानत नहीं दी जा सकती, यह हमारे संवैधानिक न्यायशास्त्र के मूल के विपरीत होगा! अभियोजन पक्ष के अनुसार, शेख जावेद इकबाल को फरवरी, 2015 को भारत-नेपाल सीमा के पास करीब 26 लाख रुपये के जाली भारतीय नोटों के साथ पकड़ा गया था, शुरुआत में उस पर आईपीसी की धारा 121ए (युद्ध छेड़ने की साजिश), 489 बी (नकली मुद्रा की तस्करी) सहित अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, बाद में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य) को शामिल किया गया !

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button 

लाइव कैलेंडर

April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
error: Content is protected !!