आचार्य भिक्षु का 299 वां जन्मदिवस एवं 267 वां बोधि दिवस सम्पन्न

रिपोर्टर दर्पण पालीवाल
राजस्थान,नाथद्वारा।युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्य साध्वी श्री मंजूयशा ठाणा- 4 के सान्निध्य में आचार्य भिक्षु का 299 वां जन्मदिवस एवं 267 वां बोधि दिवस का कार्यक्रम तेरापंथ सभा भवन नाथद्धारा में आयोजित हुआ।कार्यक्रम का प्रारंभ नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से किया गया। महिला मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया। साध्वी मंजूयशा ने अनंत आस्था के केंद्र आचार्य भिक्षु के प्रति अपने श्रद्धा भक्ति भाव के सुमन समर्पित करते हुए कहा-भारत की इस पुण्य धरा पर अनेक महापुरुष हुए हैं उन्होंने अपने उजले व्यक्तित्व ,कुशल कर्तव्य से मानव जाति को बहुत कुछ दिया। उन्हीं महापुरुषों की श्रृंखला में आचार्य भिक्षु का नाम भी अध्यात्म के क्षेत्र में बड़े गौरव के साथ लिया जाता है। जिन्होंने ऐसे समय में जन्म लिया जिस समय आचार परंपरा ,विचार परंपरा बुजदिल हो रही थी। वह कभी घबराए नहीं, कतराए नहीं, पीछे मूडे नहीं उनके चरण निरंतर गतिमान रहे। राजनगर की पुण्य धरा पर उनके अंतर प्रज्ञा जागी उन्हें सही बोधि प्राप्त हुई और सत्य का साक्षात्कार हुआ। वही दिन बोधि दिवस बन गया। आचार्य भिक्षु ने अपनी तपस्या, साधना एवं वितराग वाणी पर पूर्ण समर्पित होकर अंतर सत्य को पा लिया। ऐसे दिव्य पुरुष आचार्य भिक्षु सबके आराध्या बन गए।साध्वी इंदु प्रभा ने आचार्य भिक्षु की जीवन गाथा पर बहुत सुंदर विचार व्यक्त किया व साध्वी मानस प्रभा ने एक सुमधुर गीत प्रस्तुत किया।
तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती मंजू पोरवाल, श्रीमती शांता देवी बापना, उपाध्यक्ष श्रीमती संगीता कोठारी, आदि बहनों ने अपनी-अपनी भावनाएं व्यक्त की।कार्यक्रम का संचालन साध्वी इंदु प्रभा ने बड़े व्यवस्थित रूप से किया। मंगल पाठ से कार्यक्रम सानंद संपन्न हुआ।