सनावद में 6 दशक में संपन्न परिवारों के पढ़े लिखे 17 विभूतियां भरा-पूरा परिवार छोड़ त्याग व संयम का मार्ग अपनाकर जैनेश्वरी दीक्षा धारण कर चुके हैं

रिपोर्टर भगवान सिंह चौहान
अब 64 वर्षीय मधुबाला प्रकाशचंद पंचोलिया दीक्षा ग्रहण करने जा रही हैं। उनका परिवार करोड़पति है। उनके दो बेटे हैं। सनावद में यह 18वीं दीक्षा होगी। वह गणिनी प्रमुख आर्यिका शिरोमणि 105 ज्ञानमति माताजी के सानिध्य में 22 जुलाई को अयोध्या में दीक्षा ग्रहण करेंगी। निमाड़-मालवा के कई शहरों में उनकी बिनौरी कार्यक्रम में सम्मान कर अनुमोदना की गई। निमाड़ क्षेत्र से 1,000 से ज्यादा सामाजजन अयोध्या कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे हैं। ब्रह्मचारिणी मधुबाला पंचोलिया की बेटी चंदना पंचोलिया, जेठ मोतीचंद पंचोलिया वर्षों पहले दीक्षा ले चुके हैं। वह बेडिया में जन्मी है। सनावद की बहू हैं।सन्यास ले रही मधुबाला का परिवार करोड़पति है, उनके दो बेटे हैं। देशभर की विभूतियां लेंगी दीक्षा*
समाज के सन्मति जैन व संजय पंचोलिया ने बताया कि अयोध्या में वीर शासन जयंती पर मधुबाला पंचोलिया के साथ टिकेतनगर की इंदू जैन, अलका जैन, फिरोजाबाद की श्रेया जैन, श्रीरामपुर महाराष्ट्र की शोभा पहाड़े भी आर्यिका दीक्षा लेंगी। वहीं दिल्ली की रेखा जैन, ब्रह्मचारिणी राजबाला जैन क्षुल्लिका दीक्षा गणिनी प्रमुख ज्ञानमति माताजी से जैनेश्वरी दीक्षा ग्रहण करेंगी।
पंचोलिया परिवार की तीसरी विभूति
जैन समाज के राजेंद्र जैन महावीर बताते हैं सनावद में पंचौलिया परिवार का ज्वेलर्स का अच्छा कारोबार है। उनका करोड़पति परिवार है। मधुबाला पंचोलिया के दो बेटे है। अब वे उनका ज्वेलर्स कारोबार देख रहे हैं।उनके पति प्रकाश चंद पंचोलिया की 10 साल पहले एक सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी। वे जैन सिद्धक्षेत्र पावागिरी ऊन ट्रस्ट के पदाधिकारी थे। उनके जेठ मोतीचंद व बेटी चंदना ने पहले ही दीक्षा ले ली थी। वे पिछले 10 साल से आर्यिका ज्ञानमतीजी के सानिध्य में ब्रह्मचारी के रूप में रह रही थीं। सनावद शहर की 17 विभूतियां यशवंत पंचोलिया, मोतीचंद पंचोलिया, तिलोकचंद पंचोलिया, नरेंद्र कुमार पंचोलिया, चंदना पंचोलिया, सिद्धा पंचोलिया, श्रीचंद जैन, राजेन्द्र जैन, विजय कुमार जैन, श्रेयांस जैन, स्वतंत्र कुमार जैन, दीप्ति जैन, कमलाबाई पंड्या, अर्चना जैन, ऊषा जैन, संदेश जैन व रतनलाल पाटनी संयम मार्ग अपना चुके है। जबकि मधुबाला पंचोलिया परिवार की तीसरी विभूति है, यह रिकॉर्ड है।
प्रदेशभर के लोग पहुंचे अयोध्या
भगवान ऋषभदेव की जन्मभूमि अयोध्या में वे दीक्षा पूर्व के अनुष्ठानों के लिए पहुंच रहे हैं। वहां दीक्षा उपरांत गुरु के सान्निध्य में उन्हें नया नाम व पहचान मिलेगी। महोत्सव में सनावद, खंडवा, बेडिया, मंडलेश्वर, महेश्वर, इंदौर, खरगोन सहित प्रदेशभर से 1 हजार जैन धर्मावलंबी शामिल होंगे।