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नाराज चीफ जस्टिस ने पूछा- कौन किसान इतनी मछलियां नदी में डालेगा

 

रिपोर्ट: जे.के. मिश्रा

 

बिलासपुर। शिवनाथ नदी में भाटिया शराब फैक्ट्री द्वारा छोड़े गए प्रदूषित पानी से लाखों मछलियों की मौत के मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। राज्य शासन की ओर से जवाब पेश करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने बताया कि एसडीएम बिल्हा ने इसे संज्ञान में लेते हुए पर्यावरण संरक्षण मंडल को जांच के लिए पत्र लिखा था।

मरी मछलियों को लेकर कोर्ट की नाराजगी

प्रमुख पक्षकार के अधिवक्ता के जवाब के बाद चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा कि इतनी सारी मछलियां किसानों के पास कहां से आएंगी और वे मरी हुई मछलियों को नदी में क्यों डालेंगे। चीफ जस्टिस ने भाटिया वाइन के अधिवक्ता से पूछा कि क्या शिवनाथ नदी में आपकी डिस्टलरी से पानी छोड़ा गया है। अधिवक्ता ने इसे स्वीकार किया।

राज्य शासन की ओर से पेश जवाब

महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने डिवीजन बेंच को बताया कि एसडीएम बिल्हा ने पर्यावरण संरक्षण मंडल को जांच के लिए पत्र लिखा था, लेकिन जांच कहां तक पहुंची है और रिपोर्ट में क्या जानकारी दी गई है, इस बारे में वे कोर्ट को जानकारी नहीं दे पाए। भाटिया वाइन मर्चेंट की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने कहा कि फैक्ट्री विधिवत अनुमति लेकर चलाई जा रही है और राज्य शासन व पर्यावरण संरक्षण मंडल के नियमों का पालन किया जा रहा है। अधिवक्ता ने यह भी कहा कि जो मछलियां मरी हुई पाई गई हैं, वे आसपास के किसानों द्वारा नदी में डाली गई हैं और मामले की जांच की मांग की।

चीफ जस्टिस की नाराजगी

अधिवक्ता के जवाब से चीफ जस्टिस नाराज हुए। मरी मछलियों की फोटो दिखाते हुए उन्होंने पूछा कि इतनी सारी मछलियां किसान के पास कहां से आएंगी और वे मरी मछलियों को नदी में क्यों डालेंगे। चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या नदी में डिस्टलरी का पानी छोड़ा जा रहा है और क्या यह पानी डिस्टलरी का ही है।

स्वत: संज्ञान लेने का कारण

मुंगेली जिले में शिवनाथ नदी में लाखों मछलियों के मरने और कुछ मवेशियों की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल ने इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया। इस मामले में आबकारी, पर्यावरण के प्रमुख सचिव, मुंगेली कलेक्टर, एसपी और आबकारी उपायुक्त सहित सात अफसरों को पक्षकार बनाया गया है।

पर्यावरण विभाग ने लिया पानी का सैंपल

आबकारी और पर्यावरण विभाग की टीम गांव पहुंची और खजरी में जमा जहरीले पानी का सैंपल लिया जिसे जांच के लिए भेजा गया है। ग्रामीणों ने पहले भी शिकायतें की थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इंटरनेट मीडिया में वीडियो प्रसारित होने के बाद मामला तूल पकड़ गया और जिला प्रशासन ने जांच शुरू की।

पर्यावरण संरक्षण मंडल की कार्रवाई

पर्यावरण संरक्षण मंडल ने भाटिया वाइन मर्चेंट्स प्रा. लिमिटेड को पत्र जारी कर औद्योगिक अपशिष्टों को भूमिगत पाइप के माध्यम से खजरी नाला में प्रवाहित करने पर प्लांट बंद करने का निर्देश दिया। महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 27 अप्रैल 2024 को एसडीएम पथरिया ने पर्यावरण संरक्षण मंडल को जांच के लिए निर्देशित किया और भाटिया वाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

कोर्ट के निर्देश

डिवीजन बेंच ने वाइन मर्चेंट को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तिथि तय की है। पर्यावरण संरक्षण मंडल और भाटिया वाइन को कोर्ट में प्रस्तुत दस्तावेजों पर जवाब देने का निर्देश दिया गया है।

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