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महाविद्यालय में दो दिन तक चला गुरू पूर्णिमा उत्सव का कार्यक्रम

 

रिपोर्ट कुलदीप साहु

 

सारनी। नगर के शासकीय महाविद्यालय सारनी में उच्च शिक्षा विभाग के आदेश पर मुख्यमंत्री मोहन यादव के सानिध्य मे 21 एवं 22 जुलाई को दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शासकीय महाविद्यालय सारनी में कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना के साथ प्रारम्भ की जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में महाविद्यालय कि पूर्व प्राचार्य डॉ.प्रमिला वाधवा,जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष कमलेश सिंह, और संस्था प्रमुख नव नियुक्त प्राचार्य डॉ.रश्मि रजक, एनएसएस प्रभारी प्रदीप पन्द्राम और महाविद्यालय के समस्त स्टाप के साथ छात्र – छात्राए मौजूद रहे। एवं आये हुए मुख्य अतिथियो का पुष्प गुच्छ और माला पहनाकर संस्था प्रमुख द्वारा स्वागत वंदन किया गया, पूर्व प्राचार्य डॉ प्रमिला वाधवा ने गुरु और शिष्य के बीच रिश्ते की बात करते हुए उन्होंने कहा कि गुरु वे होते हैं जो अंधकार में प्रकाश लाते हैं, अज्ञानता को दूर करते हैं और हमें जीवन का सही मार्ग दिखाते ,गुरु पूर्णिमा का महत्व गुरु और शिष्य के पवित्र संबंध का प्रतीक है। महाविद्यालय प्रमुख

प्राचार्य डॉ. रश्मि रजक ने गुरू और शिष्य के बारे में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं को जानकारी दी और समझाया कि गुरू बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं की जा सकती क्योंकि गुरु ही शिष्य का मार्गदर्शक होता है। साथ ही जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष कमलेश सिंह ने प्राचीन शिक्षा पदत्ति के बारे मे जानकारी देते हुए बताया कि वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में हर साल ‘गुरू पूर्णिमा’ का पर्व मनाया जाता है। इसके साथ एनएसएस प्रभारी प्रदीप पन्द्राम ने प्राचीन शिक्षा के इतिहास की जानकारी देते हुए बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा को वेद व्यास का जन्म माना जाता है भारत में प्राचीन काल से ही गुरुओ की अहम भूमिका रही हैं। डॉ. अंजना राठौर ने भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति में अनौपचारिक तथा औपचारिक दोनो प्रकार के शैक्षणिक केन्द्रों का उल्लेख प्राप्त होता है औपचारिक शिक्षा मंदिर आश्रमों, गुरुकुलों के माध्यम से दी जाती थी। साथ ही डॉ. गोलमन आहके ने शिक्षा मे नैतिकता: नैतिक शिक्षा और वर्तमान शिक्षा प्रणाली में उसकी भूमिका के बारे मे विस्तार से बताया। डॉ. राजेश हनोते ने भी शिक्षा मे नवाचार और आधुनिक शिक्षा प्रणाली 2020 के बारे जानकारी दी।

मनोज नागले सर ने नैतिकता एवं योग के बारे मे छात्रों को जानकारी दी। कार्यक्रम को अन्य विद्वानों ने भी संबोधित किया और इस कार्यक्रम मे समस्त स्टाप एवं छात्र छात्राओं की उपस्थिति 70 प्रतिशत रही दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव कार्यक्रम के तहत कार्यक्रम किए गए 21 जुलाई को ऑनलाइन कार्यक्रम दिखाया गया साथ ही महाविद्यालय में सेवानिवृत्ति पूर्व प्राचार्य को विशेष अतिथि के रूप में बुलाकर उनका सम्मान किया गया।

द्वितीय दिवस के कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप में डॉ.साहेबराव झरबडे ने गुरु के वाक्य और गुरुजनों के शिष्य सन्त एवं आध्यात्मिक गुरु संत रविदास जी के दोहे “मन चंगा तो कटौती में गंगा ” के बारे मे छात्रों को जानकारी दी। एवं अतिथि जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष महोदय कमलेश सिंह उपस्थित रहे। 22 जुलाई को भी गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया। एवं कार्यक्रम का समापन एवं आभार प्रकट डॉ. हरीश लोखंडे के द्वारा किया गया।

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