डाकटर धरती के भगवान रूप होते हैं, आक्षेप-प्रत्याक्षेप लगाने से डॉक्टर का मनोबल नीचे गिरता है

रिपोर्टः राजेन्द्र तिवारी
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा हाल ही में दमोह में प्रसूताओं के निधन का मामला सामने आया है, उसकी जांच चल रही है,जांच विषय विशेषज्ञ कर रहे हैं,डॉक्टर धरती पर भगवान का रूप होते हैं, जो की सभी जानते हैं, डॉक्टर का काम मरीजों की जान को बचाना है, मरीजों की जान को बचाने के लिए दिन-रात काम करते हैं, इस तरह की जब घटनाएं होती हैं और उन पर जांच के दौरान ही आक्षेप-प्रत्याक्षेप लगते हैं, ऐसी स्थिति में डॉक्टर का मनोबल नीचे गिरता है,
प्रसूताओं के मामले में पूरी जांच चल रही है, जांच को पूरा हो जाने दीजिए, जांच के रिजल्ट आने दीजिए, हमको किसी को भी तब तक या किसी भी स्थिति में किसी प्रकार से इस तरह का माहौल बनाने का हक नहीं है, जिससे डॉक्टरो का मोरल डाउन हो और ऐसी स्थिति में डॉक्टर्स को ऑपरेशन करने में दिक्कत पैदा हो, क्योंकि जिला अस्पताल में, दूसरे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में और डिलेवरी सेंटर्स पर बहुत बड़ी तादाद में लोग जाते हैं, आम आदमी जाते हैं, गरीब व्यक्ति जाते हैं, ऐसी स्थिति में यदि डॉक्टर का मनोबल गिरता है, तो उसका सीधा प्रभाव चिकित्सा पर पड़ेगा, इसलिए मेरा आप सभी से आग्रह है, कि डॉक्टर्स का मनोबल बिल्कुल नहीं गिरना चाहिए, उनको उनका काम करने दिया जाए, वह लगातार काम कर रहे हैं, अभी भी ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन लगातार हो रहे हैं,
जांच प्रचलित है, इसलिए किसी प्रकार के वाद विवाद या निष्कर्ष निकालने का कोई मतलब नहीं है, और किसी पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का भी कोई मतलब नहीं है, सभी को अपना काम करने दिया जाए, ताकि हम मरीजों के स्वास्थ्य और मरीजों की जान के साथ पूरा न्याय कर सकें और सभी को स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकें,
*बिना अनुमति के कोई भी ऑपरेशन थियेटर या लेबर रूम में न जाये, मरीज के साथ केवल एक अटेंडेंड अलाऊ,*
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने
जिले के नागरिकों के अलावा खासतौर पर उनसे जो स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों के साथ नागरिक आते हैं उनसे कहा है, हाल ही में मैंने जहां-जहां दौरे किए हैं, स्वास्थ्य संस्थानों के या जिला अस्पताल में, मैंने देखा है कि जहां पर ऑपरेशन थिएटर है, लेबर रूम है या जनरल वार्ड है, इन जगहों पर जो मरीज है और मरीज के साथ केवल एक अटेंडेंट अलाऊ होता है, उन जगहों पर अन्य लोग भी आ जाते हैं, यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है, यह हर स्थिति में जो पेशेंट है उसकी निजता का हनन है, इसलिए बिना अधिकारिता के, अनाधिकृत रूप से कोई भी इन वार्डो में, ऑपरेशन थिएटर या लेबर रूम में न जाए, यह मेरा आग्रह है,
यदि कोई बिना अधिकारिता के ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, इसलिए कृपया इस बात का सभी विशेष रूप से ध्यान रखें, कई बार वार्ड में जाकर यह घटनाएं होती हैं, कि लोगों के फोटोग्राफ्स बगैरह लिए जाते हैं, वीडियो बना लिए जाते हैं, तो मेरा इसमें सभी से आग्रह है, ये चीज ऐसी हैं जो व्यक्ति की निजता का हनन करती है, यदि हम उनसे पूछे बिना और सार्वजनिक स्थान (प्रिमाईसिस) में बिना अधिकारिता के हम यह काम करते हैं, तो यह उचित नहीं कहा जा सकता है, कृपया इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इस तरह के परिसरों में बिना अनुमति के प्रवेश न करें,
जहां तक मीडिया का प्रश्न है
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा मीडिया अस्पताल में, स्वास्थ्य केंद्रों में, एक सार्वजनिक जगह पर जहां पर किसी प्रकार के पेशेंट की प्राइवेसी भंग नहीं होती है, वहां पर आकर के व्हाइट ले सकते हैं, वहां के बाहर का फोटोग्राफ्स ले सकते हैं, जैसे न्यायालय में जाते हैं तो न्यायालय की बिल्डिंग का फोटो आता है, बाकी अंदर के फोटोग्राफ्स नहीं आते हैं और बाहर व्हाइट ले ली जाती है तो उसी तरह से हमको अस्पतालों में व्यक्ति की गरिमा का, व्यक्ति की निजता का ध्यान रखना पड़ेगा, मुझे पूरा विश्वास है कि हम सभी इस एथिकल कोर्ट का पालन सुनिश्चित करायेंगे,