पुलिस परिवार की यही पुकार, संविलियन हो अबकी बार

भाजपा पार्टी प्रदेश कार्यालय प्रभारी जी को 200से अधिक विशेष सशस्त्र बल पुलिस परिवार ने मिलकर दिया ज्ञापन। उन्होंने तुरंत कार्रवाई करने का दिया आश्वासन।
मध्यप्रदेश में विशेष सशस्त्र बल को जिला पुलिस में संविलियन की मांग को लेकर बड़ी संख्या में भोपाल भारतीय जनता पार्टी कार्यालय पहुंचे हैं, आपको बता दें कि लगातार अखबार में प्रकाशित हुई खबरो को नजरंदाज कर रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिसके बाद बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी पंहुचे और ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें पुलिस कर्मचारियों की मांग है, 1. सरकार पर अतिरिक्त कोई वित्तीय भार नहीं आएगा
2. कानून व्यवस्था में अप्रत्याशित सुधार होगा।
3. थाने चौकियों में बल कमी होती है उसकी पूर्ति होगी.
4. पुलिस अधिक होने पर जनता का सरकार पर विश्वास बढ़ेगा
5.थाने चौकियों में एक साथ दो-तीन घटनाएं होने से बल की कमी के कारण आम जनता तक पुलिस नहीं पहुंच पाने की शिकायत दूर होगी
6. संपूर्ण बल का सदुपयोग होगा।
8. महिला सुरक्षा में वृद्धि होगी।
7. सशस्त्र बल के कर्मचारियों की मानसिक स्थिति में सुधार होगा।
9.. कंपनी मूवमेंट न होने से शासकीय कोष में बढ़ोत्तरी होगी साथ ही यात्रा भत्ता न देने से हर माह करोड़ों रुपए बचेंगे।
10.बढ़ती आबादी के कारण बढ़ते ट्रैफिक और क्राइम आदि पर कंट्रोल लगेगा comisnory लगने पर बल की कमी नहीं होगी और सुचारू रूप से comisnory प्रणाली लागू होगी।
11.पूरे saf का संविलियन नहीं होगा,केवल स्थानांतरण शुरू करने पर… एक्टिव बल भी बढ़ जाएगा जिला बल वाला।
12. Saf भी बनी रहेगी जिससे आवश्यकता पड़ने पर रिजर्व फोर्स भी बना रहेगा।
13. सशस्त्र बल के जवान लगातार कई कई महीनों तक अपने घर परिवार से दूर रहते हैं, जिससे उनकी मानसिक स्थिति में गिरावट होती है,कई बार वो आत्महत्या करने पर विवश हो जाते हैं।
14. कोई भी अधिकारी/कर्मचारी जिला बल से सशस्त्र बल या सशस्त्र बल से जिला बल में जाना चाहे जो उसकी वरिष्ठता पुलिस में भर्ती दिनांक से मानी जावे।
15. सशस्त्र बल हो प्रत्येक जिले की पुलिस लाइन में ही रिजर्व रखा जाए ना कि बटालियन में,जिससे की लाइन आर्डर बिगड़ने पर तुरंत ही बल उपलब्ध हो जाए। 16. सशस्त्र बल की पोस्टिंग पुलिस लाइन में होने पर जवान अपनी ड्यूटी के साथ साथ ही अपने परिवार की देखरेख भी कर लेगा,जिससे कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़ेगा।
17. अन्य राज्यों की भांति मप्र पुलिस की phps मेडिकल सुविधा प्रत्येक जिले में नहीं है, अपितु पुलिस कर्मी भोपाल या इन्दौर भागता है, अतः प्रत्येक जिले में पुलिस के लिए phps मेडिकल सुविधा कैशलेश हो।
रिपोर्टर रामस्वरूप वर्मा