पी डब्लु डी द्वारा बनाई गई सड़क चडी भ्रष्टाचार की भेंट
रिपोर्टर राधेश्याम जाटव
*गंजबासौदा–नवनिर्मित सड़क चढी घटिया निर्माण की भेंट, खिच गई दारारे उभर रही है गिट्टीयां
*लंबे इंतजार के बाद बनी सड़क वह भी घटिया*
*ठेकेदार ने अजब गजब कराया सडक का निमार्ण,उखड़ने लगी है ग्राम छोटे सिरावदा में डाली गई सड़क*
*इसी सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीण कर चुके हैं सीएम हेल्पलाइन पर भी घटिया निर्माण की शिकायत
*पूर्व मुख्यमंत्री की पेरिस जैसी दिखने वाली मध्य प्रदेश की सड़कों पर ठेकेदार और विभाग की अनदेखी से उखड़ने लगी है सड़क ,परेशान ग्रामीण*
*पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने कहा,रोड बन जाने पर जहां कमी दिखेगी उसे पूरा करेंगे*
*2 इंची डाला गया गिट्टियों के ऊपर डामर,बारिश में बैठक ली गई सड़क
एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार अच्छी सड़के बना रही है,वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और विदिशा रायसेन संसदीय क्षेत्र के सांसद ने प्रदेश की सड़कों की तुलना पेरिस से कर दी थी, लेकिन शहर से सटी छोटे सिरावदा गाँव की पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई गई सड़क कुछ महीने में ही उखड़ने लगी है सड़कों पर गड्ढे हो रहे हैं इतना ही नहीं पुलिया भी क्षतिग्रस्त हालत में है वही ग्राम छोटे सिरावदा से मडिया पोनिया तक बनाई गई यह सड़क गिट्टियों के ऊपर महज 2 इंची का डामर डालकर रोड को कंप्लीट कर दिया गया है जिस पर बड़े वाहनों की भी अवाजावी होने लगी है लेकिन जिस रोड को कई सालों के लिए बनाया गया था वह दो महीने में डामर से गिटटियां और गड्ढे दिखने लगे गांव के ग्रामीणों ने बताया कि सड़क पहली बारिश में बैठक ले गई और दो इंची डामर डाला गया जिसे गिटटीयां साफ-साफ दिखाई दे रही हैं रोड की स्थिति हमारे कैमरे में भी कैद हो गई जहां सड़क क्षतिग्रस्त हालत हो रही है देखने में ऐसा लगता है कि यह नई सड़क है ही नहीं बल्कि कई सालों पुरानी सड़क होगी, यहां की ग्रामीणों ने सड़क की मरम्मत के लिए कई बार शिकायत और गुहार भी लगाई लेकिन सुनवाई अभी तक नहीं हुई है ग्रामीणों ने सड़क के बारे में ठेकेदार की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की है लेकिन वहां से भी अभी तक कोई निराकरण नहीं हुआ है इस संबंध में जब हमने
पीडब्ल्यूडी के एसडीओ से फोन पर,बात की तो उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो रोड बनने पर जो भी कमी होगी उसे पूरा करवाएंगे।लेकिन मजे की बात तो यह है कि एसडीओ साहब अब रोड पर पाई जाने वाली कमी को पूरा कराने की बात कह रहे हैं अगर इस काम का अच्छे से निरीक्षण होता या अच्छे से काम करवाया जाता तो बाद में खानापूर्ति का काम करना ही नहीं पड़ता