जिले में फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ जांच अभियान दस्तावेज चेक कराने नोटिस एवं दो क्लिनिक सील

रिपोर्ट अखिलेश सक्सेना
राजगढ़ ब्यावरा एमपी जिले के ब्यावर एवं सारंगपुर शहर में झोलाछाप डॉक्टर जांच हेतु राजस्व व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संयुक्त कार्रवाई की फर्जी दवाखाने संचालित करने वाले डॉक्टर पर नकेल कसने एवं एसडीम संजय उपाध्याय द्वारा टीम का गठन कर जिसमें डॉक्टर सिविल अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर मनीष चौहान नायब तहसीलदार गोपाल चौहान पटवारी आशीष पांडे के विशेष दल ने शहर मैं छापेमारी की कार्रवाई के दौरान कई फर्जी डॉक्टर अपने दवा खाना के शटर लगाकर मौके से भाग गए इसी प्रकार ब्यावर शहर में भी कार्यवाही की गई सीबीएम ओ डॉ जे यू शेख ने बुधवार को शहर में संचालित अस्पताल संचालकों को दस्तावेज चेक करने के लिए नोटिस दिए हैं साथ ही पर्याप्त दस्तावेज नहीं पाए जाने पर क्लीनिक को सील किया सुठालिया रोड स्थित संचालित कृष्ण क्लिनिक डॉक्टर कन्हैया लाल भारती के पास चिकित्सा व्यवसाय हेतु आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने वह नियम विरुद्ध उपचार करते पाए गए क्लीनिक को सील किया इसके अलावा ट्रामा सेंटर वैश्णवी क्लिनिक गुरु कृपा क्लिनिक अवंतिका क्लिनिक अग्रवाल नेत्र चिकित्सालय कृष्णा क्लीनिक का निरीक्षण किया इसी प्रकार जिले में कई अपात्र व्यक्तियों द्वारा क्लीनिक संचालित किया जा रहे हैं वहीं लोगों का कहना है कि फर्जी डॉक्टर की तरह फर्जी लैब बिना डिग्री मेडिकल स्टोर संचालकों की भरमार है कई लोग मेडिकल डिग्री किराए पर लेकर उसी में क्लीनिक चला रहे हैं संचालक इलाज कर दवाइयां भी दे देते हैं इसका शिकार ग्रामीण जनता होती है मेडिकल संचालक मुश्किल से 10वीं 12वीं पास रहते हैं जबकि नियम के अनुसार फार्मासिस्ट ही मेडिकल चला सकते हैं यह कार्य पूरे जिले में बिना रोकटोक के चल रहे हैं बोर्ड में लिखा जाता है मेडिकल स्टोर लाइसेंस किराए से ले लेते हैं जबकि इलाज कराने वाले कोई भी व्यक्ति डॉक्टर की डिग्री कि नहीं पूछता है वहीं जिले के हर गांव में बंगाली डॉक्टर बिना रोक-टोक के एलोपैथी इलाज कर रहे हैं कभी पिछले दिनों मध्य प्रदेश शासन ने भी आदेश दिए हैं फर्जी डॉक्टर की हर जिले में टीम गठित कर जांच की जाए जिले के हर गांव में दो-तीन डॉक्टर मिल जाएंगे उसमें बंगाल से आए लोग भी चिकित्सा कर रहे हैं क्योंकि हर गांव में शासन द्वारा चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण यह धंधा फल फूल रहा है वही शासकीय अस्पतालों में काम कर चुके या कर रहे हैं नर्स कंपाउंडर बोर्ड बाय कई जगह की क्लीनिक खोलकर प्रैक्टिस करते हैं इनके पास चिकित्सा की कौन सी डिग्री रहती है शासन के आदेश अनुसार जिले में कार्रवाई सतत रूप से जारी रहना चाहिए