संस्कार भारती ने किया श्रम एवं कला गुरूओ का सम्मान
रिपोर्ट कुलदीप साहु
सारनी। मध्य भारत प्रांत के प्रांतीय उपाध्यक्ष अंबादास सूने ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि संस्कार भारती मध्य भारत प्रांत की योजना से गुरू पूर्णिमा के निमित्त नगर के सरस्वती शिशु मंदिर के महेश कतणीॅ सभागार में आयोजित सम्मान समारोह कार्यक्रम में श्रम एवं कला गुरू पूनम शुक्ला भजन गायन,कैलाश चंद्र विगुंडे गायन,आचार्य पंडित मिथिलेश और श्रम सम्मान रमेश पहाड़े को दिया गया। इसके पूर्व मुख्य अतिथियों ने भगवान नटराज का पूजन कर दीप प्रज्ज्वलित किया। सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ से स्वागत और परिचय के पश्चात उपस्थित श्रम और कला गुरूओ को शाल श्रीफल से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मोतीलाल कुशवाह प्रांत सह महामंत्री ने बताया की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की किन परिस्थितीयों स्थापना हुई। आज संघ के स्वयंसेवक सभी क्षेत्रों में देश हित में कार्य कर रहे हैं। राष्ट्र सर्वोपरी है। संघ की प्रेरणा से अनेक संगठन कार्यरत है। संस्कार भारती भी कला और साहित्य के क्षेत्र में अखिल भारतीय संस्था है। कला वह है जो बुराईयों के बंधन को काटकर मुक्ती प्रदान करती है, अर्थात सा कला या विमुक्तये के माध्यम से राष्ट्र चेतना समाज के सभी वर्गो में जागृत करने के उद्देश्य को लेकर 1981 में लखनऊ में संस्कार भारती की सथापना की। उल्लेखनीय है कि संस्कार भारती के पृष्ठ भूमि में भाऊराव देवरस, हरिभाऊ वाकणकर, नानाजी देशमुख ,माधवराव देवले और बाबा योगेन्द्र जी का गहन चिंतन मनन रहा है। आज संस्कार भारती देश के सभी राज्यों में कला और आठ विधाओ के माध्यम से समाज को संगठित कर रही है। इस अवसर पर संस्कार भारती बैतूल जिले के अध्यक्ष श्याम राव म्हस्की, मोतीराम जवणे, योगेन्द्र ठाकुर महामंत्री, आलोक मिश्रा, हरिओम कुशवाहा,संतोष प्रजापति,अमित सल्लाम,अभिषेक कुशवाहा, रमेश पहाड़े, चंद्र शेखर टैगोर प्राचार्य सरस्वती शिशु मंदिर सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे।