जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती नहीं चाहते भ्रष्टाचार की जांच
रिपोर्ट भगत राम शर्मा
सक्ती- जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती को ईमानदारी रास नहीं आ रही है। इन्हे अध्यनरत छात्र-छात्राओं के भविष्य से ज्यादा भ्रष्टाचारियों की चिंता ज्यादा है। इन्होंने कभी मोहंदीकलॉ स्कूल का आकस्मिक निरीक्षण किया है? क्या कभी यह जानने की कोशिश की है की उक्त विद्यालय मे अध्यनरत छात्र-छात्राओं के द्वारा टीसी क्यों निकलवाया जा रहा हैं? शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोहंदीकलॉ मे प्राचार्य बी.के.सिदार के कार्यकाल वर्ष 22-23 मे छात्र-छात्राओं का रिजल्ट और प्रभारी प्राचार्य श्रीमती शोभा धुर्वे के कार्यकाल 23-24 मे छात्र-छात्राओं के रिजल्ट मे क्या अंतर है? इस अंतर का कारण क्या है?
सूत्रों की माने तो सक्ती मे जब से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय बना है तब से लेकर आज तक जितने भी जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती हुए हैं सभी ने अपने स्वार्थ के लिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। इन्हें विद्यालय मे अध्यनरत छात्र-छात्राओं के भविष्य से ज्यादा भ्रष्टाचार की चिंता अधिक रही है।
सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोहंदीकलॉ के प्राचार्य बी. के. सिदार ने 01अगस्त 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती को पत्र लिखकर सूचना दी हैं कि शिक्षा सत्र 2023-24 मे जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती बी.एल खरे ने कलेक्टर सक्ती के आदेश पर इस संस्था के लिए अध्यापन समय सारणी जारी किया था तथा प्रथम काल खण्ड मे जाने वाले शिक्षकों को कक्षा शिक्षक होने का निर्देश जारी किया था। 30 जून 2024 को इस आदेश को शिक्षा सत्र 2024-25 मे आगामी आदेश तक लागू कर सूचना, सूचना पटल मे चस्पा किया गया था।
दिनांक 31जुलाई 2024 को पालक द्वारा दी गई सूचना अनुसार एवं औचक निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कक्षा शिक्षक स्वेच्छा चारिता करते हुए कर्तव्यविमूढ़ होकर छात्र-छात्राओं की उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे हैं।जिस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई है। किंतु इसके बाद भी उपस्थिति दर्ज नहीं की जा रही है।
यह छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं तो और क्या है? जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती को इस मामले की जानकारी हैं? उन्होंने मोहंदीकलॉ मे उपस्थित शिक्षकों से उपस्थिति दर्ज नहीं किए जाने के संबंध मे जानकारी ली हैं या जानकारी लेने की जरूरत ही नहीं समझी। क्या इस मामले मे शिक्षकों पर कार्यवाही करेंगे या इस मामले पर भी पर्दा डालेंगे जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती?
शास.उच्च माध्य. विद्यालय, मोंहदीकलॉ, के वर्तमान प्राचार्य बसंत कुमार सिदार ने भूतपूर्व प्रभारी प्राचार्य श्रीमती शोभा ध्रुवे के द्वारा 1 अगस्त 2024 तक प्रभार नहीं दिए जाने व भ्रष्टाचार की जांच वह भौतिक सत्यापन कराए जाने की मांग की तो जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राचार्य बसंत कुमार सिदार को ही रास्ते से हटा देने का षड्यंत्र रच डाला।
ज्ञात हो कि ये वही प्रभारी प्राचार्य श्रीमती शोभा ध्रुवे हैं जिन्होंने ने अपने द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए आरटीआई मे आवेदक को गलत व भ्रामक जानकारी दी थी। जब इनके पास प्रभार था ही नहीं तो प्राचार्य को कुछ दिन बाद प्रभार सौंपने के लिए पत्र क्यों लिखा था। जिसकी वजह से जिला शिक्षा अधिकारी ने श्रीमती शोभा ध्रुवे पर 25000 रुपए की शास्ती भी लगाई थी। श्रीमती शोभा ध्रुवे जब आरटीआई मे जानकारी देने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश को ठेंगा दिखा सकती है तो प्राचार्य बी. के.सिदार की बात ही क्या है?