नागदा खाचरोद विधानसभा में भाजपा की दूसरी लिस्ट में चौहान को उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा के बाद कई दावेदारों में निराशा
नागदा खाचरौद विधानसभा क्रमांक 212 से डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा के बाद क्षेत्र के करीब एक दर्जन दावेदारों को निराश होना पड़ा। वहीं, पूर्व विधायक दिलीप सिंह शेखावत समर्थकों को छोड़कर शेष सभी दावेदारों ने डॉ. चौहान का स्वागत कर पार्टी के निर्णय
को स्वीकार किया। सभी संभावनाओं को दरकिनार करते हुए भाजपा
में वर्षों से संगठन के सेवादार उपेक्षित नेता डॉ. तेज बहादुर सिंह चौहान जिन्होंने हमेशा पार्टी के हर निर्णय को न केवल स्वीकार किया। बल्कि पूरी ईमानदारी से काम भी किया। विगत दोनों विधानसभा चुनाव में भी वे प्रबल दावेदार थे पर पार्टी ने मौका नहीं दिया। बावजूद उन्होंने चुनाव संचालन की कमान सम्भाली थी। बीएचएमएस की शिक्षा प्राप्त डॉ. चौहान वर्तमान में इंदौर महानगर के प्रभारी तथा हाल ही में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा के प्रभारी भी थे।
प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य है तथा पूर्व में से दो बार भाजपा के जिलाअध्यक्ष भी रह चुके हैं। जहां एक और डॉक्टर उम्मीदवारी पर सभी दावेदार समर्थन में आ गए। वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक दिलीप सिंह शेखावत के समर्थक खुल कर इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं। नगरपालिका नागदा के 16 पार्षदों ने पार्टी के निर्णय का विरोध करते हुए सोमवार देर रात इस्तीफा देने की घोषणा कर शेखायत के समर्थन में नारेबाजी की। वहीं, मंगलवार को शाम 4 बजे विरोध प्रदर्शन की चर्चा भी बाजार को गर्म हवा देती रही। दबाव की यह राजनीति आने वाले दिनों में और भी
बढ़ सकती है। पूर्व विधायक से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों के पदाधिकारी भी इस्तीफे देने की घोषणा कर सकते हैं। अब देखना यह है की पार्टी इस दबाव की राजनीति के चलते निर्णय बदलती है या फिर विरोध करने वालों को कड़ा संदेश देती है। पार्टी का एक बड़ा वर्ग इस विरोध को सही नहीं मान रहा। क्योंकि पार्टी दिलीप शेखावत को पहले ही तीन बार मौके दे चुकी है। जिसमें एक बार जीत तथा दो बार हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा पार्टी दबाव में आकर उम्मीदवारी बदल भी दे तो क्या वो विरोध पर नहीं उत्तर जायेंगे जो अभी पार्टी के निर्णय के साथ है।
रिपोर्टर मुकुंद कीर