नेपा लिमिटेड द्वारा पर्यावरण स्थिरता ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण विषय पर कार्यशाला का हुआ आयोजन
रिपोर्ट – नरेश चौकसे
भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम नेपा लिमिटेड के कारखाना परिसर स्थित सम्मेलन कक्ष में मंगलवार को पर्यावरणीय स्थिरता, ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें मुख्य अतिथि मुख्य महाप्रबंधक कार्य राम अलागेसन ने अपने उद्बोधन में कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना देश के हर नागरिक का कर्तव्य है। जब तक पर्यावरण सुरक्षित नहीं रहेगा तब तक जीवन संकट में ही रहेगा। पर्यावरण संरक्षण के साथ औद्योगिक विकास होना चाहिए। हमें गर्व है कि पेपर बनाने के लिए नेपा लिमिटेड किसी पेड़ पर कुल्हाड़ी नही चलाता। आगे मुख्य महाप्रबंधक ने कहा कि आने वाला समय सौर ऊर्जा का है, और हम थर्मल की जगह सौर पावर प्लांट की ओर अग्रसर होते हैं तो यह हमारे लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होगा। हमें हरसंभव ऊर्जा और जल संरक्षण की आवश्यकता है, और सौर ऊर्जा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा। महाप्रबंधक विपणन अजय गोयल ने इस कार्यशाला में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया, जिसमें उन्होंने यथासंभव प्लास्टिक के उपयोग को टालने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक जल, पृथ्वी और वायु को प्रदूषित करती है, जिसका असर इंसान और जीव-जंतुओं पर पड़ता है। उन्होंने कहा, प्लास्टिक को पूरी तरह गलने में कई सौ साल लग जाते हैं। इसलिए यह ज्यादा खतरनाक है। हमें अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक के उपयोग को कम करना होगा और पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्प लेना होगा। उप महाप्रबंधक कार्य सुरेंद्र मेहता ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के साथ विस्तृत में समझाया कि कैसे औद्योगिक विकास के लिए प्रकृति का अति दोहन मानव अस्तित्व के लिए दिन प्रति दिन खतरनाक साबित हो रहा है। उन्होंने 4R सिद्धांतो को भी उदाहरण सहित बताया और समझाया कि कैसे वर्तमान युग में रियूज, रिड्यूस, रिसाइकल और रिफ्यूज की प्रासंगिकता बढ़ गई है। उन्होंने 4R सिद्धांतो पर बल देते हुएं कहा कि रियूज का अर्थ है किसी भी चीज को बेकार समझकर यों ही न फेंकें, हर चीज का दोबारा प्रयोग हो सकता है। रिड्यूस का अर्थ है सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल धीरे-धीरे बंद कर दें और इसके विकल्पों जैसे जूट या कपड़े का थैला, कागज के लिफाफे आदि का इस्तेमाल करें। रिसाइकल का अर्थ है ऐसी चीजें जिन्हें रीसाइकल किया जा सकता है, उन्हें एक जगह इकट्ठा कर कबाड़ी वाले को बेच दें। और रिफ्यूज का अर्थ है जिसे रीसाइकल नहीं किया जा सकता, उस प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचें। उन्होंने आगे कहा, अगर हम थोड़ी-सी कोशिश करें तो बेकार चीजों का बेहतर तरीके से निस्तारण कर सकते हैं और पर्यावरण में अहम योगदान दे सकते हैं। जन संपर्क अधिकारी संदीप ठाकरे ने बताया कि केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय के दिशा निर्देशन तथा सीएमडी राकेश कुमार चोखानी के मार्गदर्शन में नेपा लिमिटेड में रोलिंग मीडिया प्लान के तहत विभिन्न गतिविधियां, प्रशिक्षण शिविर तथा कार्यशालाएं आयोजित की जा रही है। इस कार्यशाला में मिल के मुख्य महाप्रबंधक राम अलागेसन ने प्रबंधक पावर हाउस महेंद्र केशरी और उनकी टीम के अभिनव प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आज हमारे ईटी प्लांट से निकलने वाले स्लज को कोयले में मिलाकर हम ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके कारण हमारे ईंधन का व्यय बच रहा है। यह एक अभिनव प्रयास है जो हमारी कंपनी को और भी अधिक सस्टेनेबल बनाने में मदद करेगा। इस अवसर पर ऊर्जा संरक्षण हेतु सामूहिक रूप से संकल्प भी लिया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रबंधक अनुरक्षण ज्ञानेश्वर खैरनार, प्रबंधक पेपर मशीन कुमार देशमुख, प्रबंधक मैकेनिकल विजय कुमार चौधरी, प्रबंधक गुणवत्ता नियंत्रण सीएल वर्मा, उप प्रबंधक मैकेनिकल पिंटू कुमार, शिशिरेंद्र सिंह, मयंक राय, रीतिका भमोरे, शिवांगी सिंह, सविता पाटिल सहित मिल के अफसर कर्मी उपस्थित थे।