ग्राम पंचायत मेलाना द्वारा कराए गए सीसी रोड निर्माण कार्य में सन्देह पूर्ण मामला आया सामने

संवाददाता-मोहन लाल
निंबाहेड़ा। पंचायत समिति निंबाहेड़ा की ग्राम पंचायत मैलाना में ग्राम पंचायत द्वारा अक्टूबर 2023 की अवधि में सरकारी समिति से नाले तक सीसी रोड निर्माण कार्य कराया गया था उसमें एक और अनियमितता सामने आई है।
ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण कराए गए सीसी रोड़ में जिन आठ मजदूरों को भुगतान करना दिखाया गया है उनमें कोई भी श्रमिक ऐसा नहीं लग रहा जिन्होंने सीसी रोड़ निर्माण कार्य किया हो।
इन मजदूरों में दो मजदूर राजकुमार सालवी पिता मांगीलाल सालवी व कृष्णकांत सालवी पिता राजकुमार सालवी निवासी मैंलाना को भी कार्य करना दर्शाकर इन्हें मजदूरी का भुगतान करना दर्शा रखा है।
इन मजदूरों में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह दोनों मजदूर पिता पुत्र होकर सरपंच के रक्त संबंध में आते हैं जो एक सरपंच का पति एवं दूसरा सरपंच का पुत्र।
इसमें जांच का विषय है कि क्या वास्तव में दोनों मजदूर सरपंच के परिजन है या फिर उनके मिलते जुलते नाम के कोई अन्य मजदूर जो मैलाना के निवासी हे।
और यदि दोनों मजदूर सरपंच के रक्त संबंध से होकर परिजन है तो इस मामले में सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी की गंभीर लापरवाही सामने आ रही है।
क्योंकि कोई भी सरपंच अपने पति या पुत्र सहित किसी रक्त संबंध वाले परिजनों को किसी प्रकार का लाभ ग्राम पंचायत से नहीं दिलवा सकता है।
उपरोक्त मामले में एक बात और सन्देह पूर्ण लग रही है जो यह की सीसी निर्माण कार्य में दर्शाये गए सभी मजदूर दूसरे हैं और वास्तविकता में किन्ही अन्य मजदूरों से कार्य करवाया गया।
क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि सीसी निर्माण कार्यों में ग्राम पंचायत द्वारा अन्य मजदूरों से काम करवा लिया जाता है तथा भुगतान उठाने के लिए मस्टरोल में अन्य मजदूरों के नाम दर्शाये जाते हैं।
विश्वस्त सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि उपरोक्त कार्य में भी ऐसा ही किया गया था। सीसी रोड़ निर्माण कार्य के लिए श्रमिक मैलाना ग्राम के नहीं होकर अन्य क्षेत्र से आए थे।
गौरतलब है कि उपरोक्त निर्माण को लेकर हमारे द्वारा पूर्व में भी कार्य में हुई अनियमिताओं को लेकर समाचार प्रकाशित किया गया था जिसकी जांच में पंचायत समिति निंबाहेड़ा द्वारा ग्राम विकास अधिकारी को क्लीन चिट दे दी गई थी।
अब देखना यह है कि सरपंच के पति और पुत्र के मिलते नाम से कार्य करने वाले मजदूर के मामले में पंचायत समिति द्वारा जांच करवाई जाएगी या मामले को यूं ही ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।