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नागपंचमी पर उज्जैन में भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन हेतु उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़, लाखों लोगों ने किए दर्शन

रिपोर्ट शिवजीत सिंह

उज्जैन। नागपंचमी पर पर उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर के मंदिर के पट गुरुवार मध्यरात्रि 12 बजे खोले गए। यह मंदिर वर्ष में केवल एक बार नागपंचमी के दिन ही खुलता है, जिससे इस दिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।पट खुलने के बाद सबसे पहले त्रिकाल पूजा का आयोजन किया गया, जो करीब एक घंटे तक चली। इस पूजा में श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि महाराज और महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने हिस्सा लिया। त्रिकाल पूजा के बाद भगवान को भोग अर्पित किया गया, जिसके पश्चात आम भक्तों को दर्शन का अवसर प्रदान किया गया।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़:

सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा होने लगी थी। लोग नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन के लिए घंटों तक कतार में खड़े रहे। शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक 60,000 से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे और यह सिलसिला पूरे दिन और रात जारी रहा

साधारण श्रद्धालुओं के लिए कठिनाईयां:

हालांकि, साधारण श्रद्धालुओं के लिए दर्शन करना आसान नहीं था। प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं के बावजूद, साधारण भक्तों को दर्शन के लिए 5 से 6 घंटे की लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ी, और अंत में मात्र 1 सेकंड के लिए ही भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन हो सके।

इस दौरान कई लोग सुविधाओं के अभाव में परेशानी में भी पड़ गए।प्रशासन द्वारा पीने के पानी और शौचालय की व्यवस्था तो की गई थी, लेकिन ये सुविधाएं कतारों से अलग दिशा में स्थित थीं, जिससे श्रद्धालुओं को इनका उपयोग करने में कठिनाई हुई। कुछ स्थानों पर पानी की उपलब्धता न होने के कारण लोग प्यास से परेशान होते रहे, वहीं शौचालय की सुविधाएं भी पर्याप्त नहीं थीं।

पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था न होने के कारण, लोग कतार में खड़े-खड़े ही असुविधा महसूस कर रहे थे।

दूसरी ओर, पुलिस और प्रशासन से संपर्क रखने वाले कुछ लोगों को वीआईपी मार्ग से केवल 30 मिनट में ही दर्शन का अवसर प्राप्त हुआ। इन लोगों के लिए अलग से व्यवस्था की गई थी, जिससे वे भीड़ और लंबी कतारों से बचते हुए सीधे मंदिर तक पहुंच सके।

मंदिर के प्रमुख मार्गों और प्रवेश द्वारों पर लगाए गए बेरिकेड्स भी भीड़ के दबाव के कारण कई बार गिर गए। हरसिद्धि मंदिर चौराहे से लेकर महाकाल मंदिर के गेट नंबर 4 तक पुलिस और सुरक्षा कर्मी भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास करते रहे। गेट नंबर 4 पर भीड़ का दबाव इतना अधिक था कि पुलिस को बार-बार लोगों को रोकना पड़ा, जिससे लोग और अधिक उत्तेजित हो गए

7 से 8 घंटों तक लगातार कतार में खड़े रहने के कारण कई श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। राजस्थान से आई कीर्ति शर्मा नामक महिला, जो अपने पति और मां के साथ दर्शन के लिए आई थीं, लम्बी कतार में चलते-चलते बेहोश हो गईं। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया गया।

साधारण दर्शनार्थियों के लिए लंबी प्रतीक्षा:

साधारण श्रद्धालुओं को कार्कराज से नृसिंह घाट के सामने से होते हुए चारधाम मंदिर झिकझेक, हरसिद्धि मंदिर शेर चौराहा, बड़ा गणेश, महाकाल घाटी के रास्ते से होते हुए गेट नंबर 4 तक पहुंचना पड़ा। इस प्रक्रिया में 5 से 6 घंटे का समय लगा, लेकिन अंततः उन्हें भगवान नागचंद्रेश्वर के मात्र 1 सेकंड के लिए दर्शन करने का अवसर मिला। इस दौरान, मंदिर के कर्मचारी भक्तों को तेजी से बाहर निकालते रहे।

मंदिर में कवरेज कर रहे पत्रकारों को प्रवेश से रोका

रात 12:00 बजे महाकाल मंदिर के निर्माल्य द्वार पर कवरेज कर रहे एक स्थानीय पत्रकार सहित अन्य पत्रकारों को सुरक्षा कर्मियों द्वारा धक्का देकर बाहर कर दिया गया। उन्हें यह कहा गया कि यहां पर कवरेज की कोई आवश्यकता नहीं है और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश हैं कि इस स्थान पर कोई भी पत्रकार नहीं आना चाहिए। इस घटना के बाद, पत्रकारों को जनसंपर्क अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद ही प्रवेश दिया गया।

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