युक्तियुक्तकरण प्रस्तावित नियम प्रक्रिया न्याय संगत नहीं…
रिपोर्ट सूरज सिंह राजपूत
दबंग केसरी सूरजपुर सरकार के द्वारा की गई पिछली नई भर्तियों में गलत तरीके से काउंसलिंग करा कर एक ही स्कूल में रिक्त पद के विरुद्ध आवश्यकता से अधिक शिक्षकों की जॉइनिंग दी गई। यह भी कि विषय बंधन न होने के कारण एक ही शाला में एक ही विषय के कई कई शिक्षक नियुक्त हो गए।
युक्तियुक्तकरण के प्रस्तावित प्रावधान में नव नियुक्त शिक्षकों के परिवीक्षाधीन होने के कारण अतिशेष शिक्षकों के रुप मे निर्धारित नही किये जाने के फलस्वरूप पूर्व से नियुक्त शिक्षकों को अतिशेष माने जाने पर उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा।
और यह अत्यंत अन्यायपूर्ण एवं विधि विपरीत होगा।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री रंजय सिंह ने बताया कि युक्ति युक्त कारण हेतु बनाया गया यह नियम 2008 के सेटअप का उल्लंघन है एवं शिक्षा व्यवस्था पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा।यह आवश्यक है कि युक्तियुक्त करण की प्रक्रिया को प्रारंभ करने के पूर्व नवनियुक्त शिक्षकों के आदेश में संशोधन कर उन्हें उचित रिक्त स्थान पर पदांकित किया जाना चाहिए।
संकुल समन्वयक शिक्षकों को अतिशेष निर्धारण नियम 2014 के समान युक्तियुक्त करण प्रक्रिया से पृथक रखा जाना चाहिए उन्हें अतिशेष बना कर स्थानांतरित किये जाने से शैक्षिक प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना होगी।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री रंजय सिंह ने बताया कि युक्ति युक्तकरण हेतु बनाया गया यह नियम 2008 के सेटअप का उल्लंघन है एवं शिक्षा व्यवस्था पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ब्लॉक इकाई प्रतापपुर के अध्यक्ष नागेंद्र सिंह ने बताया कि शालाओं के युक्तियुक्त करण से शिक्षा गुणवत्ता प्रभावित होगी। अलग-अलग स्तर के स्कूलों के एकीकरण से उच्च स्तर के शालाओं पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा साथ ही प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शालाओं के प्रधान पाठकों के अधिकार में कटौती होगी एवं भविष्य में प्रधान पाठकों के पद के लुप्त होने के संभावना भी रहेगी ज्ञातव्य हो कि प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षा गुणवत्ता को नियंत्रित करने हेतु स्वतंत्र प्रभार के प्रधान पाठकों की अत्यंत आवश्यकता होती है।
यह भी की स्कूलों के एकीकरण होने से सैकड़ो शाला भवन अनुपयोगी हो जाएंगे तथा जर्जर हो जाएंगे जिससे शासन की अपूरणीय क्षति होगी।
शासन द्वारा स्कूलों के सेटअप में कटौती कर शिक्षकों के पदों में कमी करने से शिक्षा गुणवत्ता प्रभावित होगी साथ ही बड़ी संख्या में पदोंन्नति एवं सीधी भर्ती के विकल्प भी समाप्त हो जाएंगे जो अन्यायपूर्ण होगा।
संघ के जिला प्रतिनिधि दीपक कुमार झा ने कहा कि उच्च प्राथमिक शालाओं में विषय आधारित शिक्षकों की पूर्ति न होने पर निश्चित ही शिक्षा गुणवत्ता प्रभावित होगी एवं यह अध्यनरत छात्र-छात्राओं के भविष्य के लिए बेहद अन्याय पूर्ण होगा। अतः पूर्व की भांति प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शालाओं में शिक्षकों का सेटअप विषयानुसार क्रमशः 1+3 तथा 1+4 रखे जाने की आवश्यकता है।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ब्लॉक इकाई प्रतापपुर से दीपक कुमार झा बीरेंद्र कुमार जायसवाल कमलेश जायसवाल मनीराम बेक रामेश्वर राजवाड़े जानकी प्रसाद यादव उमाशंकर सिंह वीरेंद्र सिंह लवकुश ठाकुर, अजय यादव अजय पैकरा हरबंस जायसवाल शिव शंकर सोनी बनवारी प्रसाद जायसवाल सीमा सिदार श्रीमती नाजनीन अंसारी रेखा कश्यप नीता देवांगन नीलम श्रीवास्तव अनिता लकड़ा निशा जायसवाल गणेश गुप्ता मुकेश शरण सिंह वीरेंद्र पंकज अमित गुप्ता सत्यानंद जायसवाल रमेश तिवारी चंदन सिंह महावीर ठाकुर अनिल सिंह राजेश मिश्रा शशिकांत यादव राजकुमार गर्ग शिवशंकर सिंह अखिलेश वर्मा संजय कुमार यादव तिलकधारी राम राजकुमार साय पैंकरा आदि शिक्षकों ने कहा कि शासन द्वारा युक्तियुक्तकरण के लिए बनाये गए नियम से राज्य में न केवल शिक्षा गुणवत्ता प्रभावित होगा अपितु बेरोजगार नव युवकों के प्रति भी अन्याय होगा। अतः हम सभी यह मांग करते हैं कि प्रस्तावित नियम 2024 पर पुनर्विचार करते हुए अतिशेष शिक्षकों के निर्धारण हेतु 2014 की भांति न्याय संगत नियम बना कर युक्तियुक्त करण की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाए।