कृषि विभाग द्वारा व्यापक पैमाने पर किया जा रहा है वर्मी टैंक निर्माण में भारी भ्रष्टाचार

रिपोर्ट जे के मिश्र
बिलासपुर रायगढ़ लैलूंगा ब्लॉक के लगभग आधा दर्जन गांव में वर्मी टांका का निर्माण कराया जा रहा है जिसमें किसानों को केंचुआ खाद बनाने निर्माण के लिए कृषि विभाग द्वारा प्रत्येक किसान के लिए 6000 रुपए डीबीटी के माध्यम से दिया जाना है जिसमें कृषि विभाग डीबीटी के माध्यम से ना देकर डायरेक्ट ठेकेदार को भेज के निर्माण कराया जा रहा है वर्मी टैंक निर्माण में पूरी तरह से गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है वही निर्माण कार्य की मापदंड को भी नजर अंदाज करते हुए घटिया निर्माण को अंजाम दिया जा रहा है जिसमें कृषि विभाग द्वारा किसी प्रकार का कोई स्थल निरीक्षण या निर्माण का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि विभाग द्वारा ही इस भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है लगभग 40 लाख रुपए की लागत से यह निर्माण कराया जाना है जिसमें अब तक कुछ किसानों का निर्माण कराया जा चुका है वर्मी टैंक निर्माण का साइज को भी छेड़छाड़ करके छोटा बनाया जा रहे हैं साथ ही किसानों को गुमराह करके कोरे कागज या और कुछ फार्म भरवा कर आधार राशन कार्ड लेकर नियम कानून को ताक में रखकर सही निर्माण हुआ है करके उसी मापदंड के हिसाब से यहां से फाइल तैयार करके उपसंचालक कृषि विभाग को भेजा जा रहा है जिसके माध्यम से ठेकेदार को भुगतान किया जा रहा है जबकि निर्माण पूरी तरह से घटिया हो रहा है यह पूरा मामला जांच का विषय है जो की पूर्व भी यह मामला जिला पंचायत में काफी ज्यादा आवाज उठाया गया था जिसके बाद 6 जिला पंचायत सदस्यों की टीम बनाकर लैलूंगा जांच के लिए भेजा गया था जिसमें ठेकेदार ने पूर्व में भी गड़बड़िया की थी अब पुनः आज फिर उसी ठेकेदार को लैलूंगा भेज करके निर्माण कार्य कराया जा रहा है
*उपसंचालक (DDA)अनिल वर्मा का कहना है कि किसान चाहे तो किसी से भी निर्माण करवा सकता है* लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर *दो सौ किलोमीटर दूर के *मुंगेली जिले का भारत साहू नामक ठेकेदार* को यहां कौन बुलाया है किसके कहने पर लैलूंगा जाकर इस निर्माण को अंजाम दिया जा रहा है भरत साहू ठेकेदार मुंगेली जिला का रहने वाला है वह स्थानीय राजमिस्त्रियों को लेकर काम कर रहा है जिसमें राजमिस्त्रियों का भी साफ तौर पर कहना है कि जो मुंगेली जिले का ठेकेदार है उसके माध्यम से हम लोग कार्य कर रहे हैं जिसमें कितना बालू कितना सीमेंट कितना ईटा का उपयोग किया जा रहा है सारी बातें उल्लेख किया गया है कल राज्यसभा सांसद ने भी इस मामले को लेकर समीक्षा बैठक के दौरान कृषि विभाग को हिदायत दिया गया है उसके बाउजुद ठेकादार को कृषि विभाग द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है मामला जांच का विषय है कार्य की जांच के उपरांत ही ठेकेदार को भुगतान किया जाना चाहिए।
अगर घटिया निर्माण किया जा रहा है तो किसान शिकायत करे हम कार्यवाही करेंगे किसानों को 6 हजार भुगतान करना है किसान किसी से भी निर्माण करवा सकता है
*( अनिल वर्मा उप संचालक कृषि विभाग रायगढ़ )*
मेरे द्वारा जिला पंचायत सदस्य था तभी इसकी शिकायत किया गया था जिसमे जांच भी हुई थी और आज मैं कृषि विभाग को हिदायत दे दिया की घटिया निर्माण ना हो और सीधे किसानों के खाते में राशि डाला जाए नही तो कार्यवाही होना तय है
*(देवेंद्र प्रताप सिंह राज्यसभा सांसद छत्तीसगढ़ )*
मेरे द्वारा बनाया जा रहा है कल बैठ के बात करेंगे मैं बाहर हूं
*(भरत साहू ठेकेदार )*