रामदेवरा पैदल यात्रा अपने अंतिम पड़ाव की और अग्रसर जोश खरोश से चल रही है यात्रा

रिपोर्ट कालूराम जाट
बड़वाह।काटकूट से 10 अगस्त को ढोल ढमाको के साथ रवाना हुई पैदल यात्रा अपने आखिरी पड़ाव में चल रही है मात्र 100 किलोमीटर दूर इस यात्रा का समापन राजस्थान के जैसलमेर जिले के गांव रुणीचा में बाबा रामदेव जी की समाधि स्थल पर होगा अभी यह यात्रा जोधपुर से आगे बढ़ रही है पैदल यात्रियों ने बताया कि हमारे दल में करीब 70 पैदल यात्री शामिल हैं जिसमें 20 महिलाऐं भी है हमारी यात्रा अभी तक सफलतापूर्वक चल रही है तथा हमारे खाने पीने व रात्रि विश्राम हेतु मध्यप्रदेश से लेकर बाबा की समाधि तक पूरे राजस्थान में निशुल्क रामरसोड़ा भण्डार खुले हैं जिसमें हजारों भक्तों हेतु सभी तरह का भोजन चाय नाश्ता फल फूल आदि व्यवस्था बाबा के भक्त कर रहे हैं राजस्थान के कई सेवाभावी लोगों द्वारा भी पैदल यात्रियों को रोककर हाथ जोड़कर खाने का आग्रह करते दिखे अभी पूरे राजस्थान में यात्रा मार्ग पर हाथों में बाबा रामदेव जी का सफेद ध्वज हाथों में थामे जय बाबा री जयकारों के साथ हजारों की तादाद में चल रहे पैदल यात्रियों के जत्थे देखने लायक है व सेवा भावी भक्तों द्वारा की जा रही सेवा भी राजस्थान में इन दिनों जारी तेज बारिश से भी यात्रियों का जोश और हौसला कमजोर नहीं पड़ रहा है तथा अपनी यात्रा निरंतर जारी रखें हुए हैं मात्र दो तीन दिन की शेष बची यात्रा रुणीचा के बाबा रामदेवजी के दर्शनों की तीव्र इच्छा शीघ्र पूर्ण होगी ज्ञात रहे रुणीचा धाम पूरे देश में प्रसिद्ध है यहां कलयुग के अवतारी पुरुष रहें बाबा रामदेवजी ने जीवित समाधि ली थी तथा उन्होंने अपने जीवन में कई चमत्कारों से अपने भक्तों को रुबरु कराया था मुस्लिम धर्म गुरुओं को भी अपने चमत्कार से रुबरु कराया था आज भी मुस्लिम समाज इन्हें रामसा पीर मानकर सिर झुकाते हैं समाधि के पास स्थित रामसरोवर त