जली रोटी और सब्जी के नाम पर पानी के साथ खाना खाने को मजबूर मडियादो बर्धा एम एस के छात्र

रिपोर्टःराजेन्द्र तिवारी
दमोह जिले की हटा तहसील अंतर्गत आने वाले वर्धा स्कूल में मध्यान्ह भोजन मीनू के विपरीत,
संबंधित अधिकारियों की उदासीनता के चलते मध्यान्ह भोजन वितरित करने वाले समूह संचालक नोनिहाल बच्चों का पेट काटकर खुद डकार रहे हैं मध्यान्ह भोजन में शाला प्रबंधन की मिली भगत होती दिख रही,
ग्राम मड़ियादो संकुल अंतर्गत आने वाले प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शासन द्वारा निर्धारित मीनू अनुरूप मध्यान्ह भोजन का वितरण नहीं किया जा रहा है, यह मामला मिडिल स्कूल मड़ियादो से जुड़ा हुआ है, जहां छात्रों को मीनू अनुरूप मध्यान्ह भोजन नहीं दिया जा रहा है, प्राप्त जानकारी के अनुसार माध्यमिक शाला वर्धा में 230 छात्र अध्यनरत हैं, शाला में जय मां दुर्गे स्व सहायता समूह द्वारा मध्यान्ह भोजन का वितरण किया जाता है, बीते दिवस शुक्रवार को छात्रों को मीनू अनुसार रोटी के साथ छोले या मटर वाली आलू की सब्जी और मिक्स दाल दी जानी थी लेकिन समूह द्वारा पतली पानी जैसी आलू की सब्जी और रोटी वो आधी जली तो आधी कच्ची मात्र दी गई, स्कूल प्रबंधन के अनुसार समूह अपने ढंग से कार्य कर रहा है, जब स्कूल प्रबंधन द्वारा समूह की रसोइया से बोला जाता है कि भोजन मीनू अनुसार क्यों नहीं बनाया जा रहा तो इसकी जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया की बनाना भूल गए, वही छात्रों ने बताया की कभी भी एक साथ दाल सब्जी नहीं मिलती, एक दिन दाल तो एक दिन पानी जैसी सब्जी ही खिलायी जाती है रोटी कभी जल जाती हैं तो कभी आधी कच्ची रहती है जिससे पेट दुखता है,,
*छात्र खुद धो रहे अपने वर्तन*
जब शुकवार को शाला का गुप्त रूप से अवलोकन किया तो मध्यान्ह भोजन बटने से पहले छात्र थाली धोते नजर आए, वहीं खाने के बाद छात्र पुनः वर्तन धोने में लग गये, प्रधान अध्यापक आरके सोनी से जब पूछा गया तो उन्होंने ने बताया की समूह द्वारा एक महिला वर्तन साफ करने के लिए नियुक्त है, किसी कारण वश आज नहीं आई है, शासन द्वारा मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था इसलिये की गयी है कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे कुपोषण का शिकार न हो परंतु मध्यान्ह भोजन सप्लाई करने वाले समूह ही बच्चों के पेट को काट के खुद मोटे होते जा रहे हैं, परंतु ये समझ में नहीं आता का जिस दिन अचानक अवलोकन किया जाता है सिर्फ उसी दिन ही वर्तन धोने वाली नहीं आती और मीनू के अनुसार भोजन क्यों नहीं बन पाता हमेशा स्कूलों में यही बोला जाता है कि सिर्फ आज ही ऐसा हुआ है, रोज नहीं होता, बर्तन धोने वाली भी सिर्फ आज ही नहीं आयी,, इससे कभी कभी आशंका होती कि शाला प्रबंधन की भी मिली भगत रहती है,,
बहरहाल प्रशासन को ऐसे मामलों में गंभीरता दिखानी होगी,,