अजय कांत खरे ने 23वीं बार एवं अनुराग पाठक ने सातवीं बार किया रक्तदान

रिपोर्टर राम बिहारी गोस्वामी
जिला अस्पताल में खून का अभाव बदले में भी नहीं मिल पा रहा खून
*जिले के अधिकारी और चुने हुए नेता नहीं लगा पा रहे एक भी रक्तदान सिविर
*समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी के प्रयासों से मिला परिवारों को समय पर खून
पन्ना मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के पन्ना जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून का सुखा पड़ा हुआ है। मरीज के परिजनों को बदले में भी खून नहीं प्राप्त हो रहा है। जिससे खून से पीड़ित मरीज और उनके परिवार के सदस्य दिन भर भटकते रहते हैं।
ऐसा ही मामला आज पन्ना जिला अस्पताल का सामने फिर से आया है। पन्ना जिला अस्पताल में भर्ती राहुल बरमशिलहा की धर्मपत्नी को ओ पॉजिटिव खून की अत्यंत जरूरत थी , जो की कैंसर से सम्बन्धित मरीज हैं ।
पन्ना अस्पताल मे उन्हें बदले में भी खून नहीं मिल पा रहा था।
जिसके बात समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी से उनके परिजनों द्वारा दूरभाष पर बात की गई। समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी द्वारा सोशल मीडिया पर संदेश प्रसारित किया गया। पन्ना जिले के देवेंद्रनगर तहसील क्षेत्र के ग्राम गोल्ही पाठक निवासी अनुराग पाठक को जैसे ही पीड़ित महिला के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई , वह अपनी निजी चार पहिया वाहन से जिला अस्पताल पन्ना पहुंचे और उन्होंने आज सातवीं बार स्वेच्छा से रक्तदान का पुनीत कार्य किया है ।
रक्तदाता अनुराग पाठक ने कहा कि रक्तदान करने से किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं आती है। प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को तीन माह में एक बार रक्तदान कर देना चाहिए। इसके उपरांत सिमरिया तहसील क्षेत्र के ग्राम कुंवरपुर निवासी सुखेंद्र आदिवासी पिता हरिराम आदिवासी उम्र 1 वर्ष को बी नेगेटिव खून की अत्यंत जरूरत थी। परिवार के तीन सदस्यों ने अपना खून परीक्षण कराया मगर किसी का भी बी नेगेटिव नहीं था और जिला अस्पताल के में भी खून उपलब्ध न होने के कारण परिवार के लोग काफी परेशान थे । अपने 1 वर्ष के मासूम बच्चे के जीवन को लेकर पिता ब्लड बैंक के पास ही भटक रहे थे।
तभी पन्ना जिले के समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी की नजर पड़ी और उन्होंने परिवार से बातचीत की।
जिसके बाद परिवार के लोगों ने अपनी समस्या बताई। समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी ने रात्रि के 9:30 बजे तत्काल ही अपने परिचित मित्र पन्ना शहर के जाने-माने *समाजसेवी अजयकांत खरे* को दूरभाष के माध्यम से पीड़ित मासूम बच्चे के बारे में पूरी जानकारी दी। जैसे ही समाजसेवी अजय कांत खरे को पीड़ित बालक के बारे में पता चला वह बिना कोई विलंब किए अपने पड़ोसी शिव प्रताप सिंह बड़े राजा के साथ जिला अस्पताल पहुंचे और उन्होंने आज 55 वर्ष की उम्र में 23 वी बार स्वेच्छा से रक्तदान का पुनीत कार्य किया है।
रक्तदान दाता अजयकांत खरे ने कहा कि वह 18 वर्ष की उम्र से जरूरतमंद व्यक्तियों को खून दान करते आ रहे हैं , उनका सबसे जटिल बी नेगेटिव खून होने के कारण वैसे तो कभी जरूरत नहीं पड़ती है।मगर जब कभी जरूरत पड़ती है तब भारी परेशानियों का सामना लोगों को करना पड़ता है। जानकारी के अभाव में कई परिवारों को दो-दो दिन तक बी नेगेटिव खून की तलाश करनी पड़ती है । उन्होंने अभी तक 23 बार रक्तदान किया है और पन्ना सतना जबलपुर सहित कई अन्य शहरों में पहुंचकर जरूरतमंद लोगों को खून दिया है ।
रक्तदान दाता अजयकांत खरे ने कहा कि प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को वर्ष मे तीन से चार बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए ।
खून दान करने से किसी भी प्रकार की कमजोरी बीमारी नहीं आती है।
*जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून का पड़ा सूखा
जिले की जिम्मेदार अधिकारी और चुने हुए जन नेताओं के उदासीनता के कारण पन्ना जिले में रक्तदान जागरूकता को लेकर आज भी अभाव पड़ा हुआ है। जिसके कारण रक्तदान शिविर आयोजित होते हैं , मगर कोई भी व्यक्ति रक्तदान करने नहीं पहुंच रहे है। जिसके कारण जिला मुख्यालय के ब्लड बैंक में मात्र पांच यूनिट ए पॉजिटिव खून उपलब्ध है। बी पॉजिटिव , एबी पॉजिटिव एवं ओ पॉजिटिव जैसे सामान ग्रुप भी उपलब्ध न होने के कारण मरीज के परिजनों को बदले में भी खून उपलब्ध नहीं हो पाता है।
पन्ना जिले के समाजसेवी सहित नगर के अन्य समाजसेवियों राम बिहारी गोस्वामी ने जिला प्रशासन एवं जिले के चुने हुए जनप्रतिनिधियों से मांग की है कि अधिक से अधिक रक्तदान के शिविर अपने-अपने कार्य क्षेत्र में आयोजित कराये , ताकि पन्ना जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में जो सुखा पड़ा हुआ है उसे निजात प्राप्त हो सके।