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जिला-जशपुर में 39वेें “नेत्रदान पखवाड़ा“ का शुभारंभ व जिला स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन सपन्न। 

रिपोर्ट – राजीव गुप्ता

जशपुर, 29 अगस्त 2024 – स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग भारत शासन के निर्देषानुसार प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी जिले में 39वे नेत्रदान पखवाड़ा दिनांक 25 अगस्त से 08 सितम्बर 2024 तक मनाया जाना है। जिसमें जिले के प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्रों में नेत्रदान पखवाड़ा का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है इसी क्रम में कल दिनांक 28/08/2024 को जिला स्तरीय “नेत्रदान पखवाड़ा“ अंतर्गत संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें समस्त विकासखण्डों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे सभा में श्री टी.पी. कुषवाहा के द्वारा बताया गया कि नेत्रदान से जरूरतमंद व्यक्ति को नेत्र ज्योति प्रदान किया जा सकता है। संगोष्ठी के दौरान जिला नोडल अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा बताया गया कि जिलो को अंधत्व मुक्त करने की दिशा में प्रत्येक सप्ताह विकासखण्ड पत्थलगांव एवं जिला चिकित्सालय जशपुर में मोतियाबिंद शिविर का आयोजन किया जा रहा है । इसके साथ ही नेत्र सहायक अधिकारियों द्वारा स्कूल भ्रमण कर स्कूली बच्चों का नेत्र परीक्षण कर चश्मा वितरण किया जा रहा हैै तथा नेत्र जांच कर वृद्धजनों को प्रेसबायोपिक चश्मा वितरण किया जा रहा है। नेत्रदान पखवाड़ा अंतर्गत जिले में प्रथम नेत्रदान वर्ष 2019 में स्व. श्रीमती हिल्दा एक्का पति स्व. श्री जुवेल एक्का एवं स्व. मनोरमा मिश्रा पति स्व.श्री कपिलेष्वर मिश्रा के द्वारा क्रमाषः 11 अक्टुबर एवं 16 नवम्बर 2019 को मृत्योपरांत नेत्रदान किया गया कार्यक्रम के दौरान उनके पुत्र श्री आशीष एक्का तथा श्री गिरेन्द्र मिश्रा को श्रीफल व साल देकर सम्मानित किया गया तथा उपस्थित अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा नेत्रदान घोषणा पत्र भरा गया और अपने स्वजनों, सगे संबंधी को, पड़ायिसों को भी नेत्रदान करने हेतु प्रेरित करने को कहा गया है।

>जानिए कौन नेत्रदान कर सकता है?

सीमित दृष्टि वाले व्यक्ति अभी भी अपने कॉर्निया दान कर सकते हैं, क्योंकि विभिन्न नेत्र स्थितियों का आंख के इस हिस्से पर सीधा प्रभाव नहीं पड़ता है. उम्र या प्रणालीगत बीमारी जैसे मधुमेह या उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, किडनी की बीमारी नेत्रदान के लिए बाधा नहीं हैं. अतीत में कैसी भी आंख की सर्जरी करवाई हो वैसे व्यक्ति भी आई डोनेट कर सकते हैं. उनके आंख का कॉर्निया भी उपयोगी होगा और इसे दूसरों में प्रत्यारोपित किया जा सकता है. किसी भी तरह के कैंसर पसे पीड़ित व्यक्ति भी अपना आंख दान कर सकते हैं. क्योंकि कॉर्निया में रक्त वाहिकाएं नहीं होती हैं, जिससे किसी भी प्रकार के कैंसर के संक्रमण की संभावना कम हो जाती है.

>जो लोग नहीं कर सकते हैं नेत्रदान

एड्स, हेपेटाइटिस बी और सी, रेबीज, सेप्टीसीमिया, तीव्र ल्यूकेमिया, टेटनस, हैजा, एन्सेफलाइटिस और मेनिन्जाइटिस जैसे संक्रामक रोगों से पीड़ित अपनी आंखें दान नहीं कर सकते हैं.

“आंखे कुदरत का अनमोल देन है,

मृत्योपरांत नेत्रदान कर

दो व्यक्तियों को रोशनी प्रदान करेें।“

संगोष्ठी कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 जी.एस. जात्रा, सिविल सर्जन डॉ0 व्ही.केे. इन्दवार, जिला नोडल अधिकारी डॉ0 आर.एस. पैंकरा, कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन श्री गनपत कुमार नायक, सलाहकार सत्येन्द्र यादव, शाखा प्रभारी खुले प्रसाद यादव, नेत्र सहायक अधिकारी श्री एल.पी. मांझी, श्रीमती सविता मिश्रा, श्रीमती अनुभा एक्का, श्री आषीष एक्का नेत्र विभाग के स्टाफ नर्स, विभिन्न विकासखण्ड के सी.एच.ओ. एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा बताया गया कि नेत्रदान करने हेतु अपने नजदीकी नेत्र बैंक, मेेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पंजीयन करा सकते है तथा नेत्रदान पखवाड़ा का प्रचार-प्रसार कर मृत्योंपरांत नेत्रदान किये जाने हेतु अपील किया गया है।

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