रेलवे का स्टेडियम खेल युवा कल्याण विभाग को हस्तांतरित करने की उठी मांग
रिपोर्टर मोहम्मद आसीफ लंघा
आमला. शहर में एक भी सर्वसुविधायुक्त खेल स्टेडियम नहीं है। जो रेलवे का स्टेडियम है, वह भी उपेक्षा का शिकार है। यहां खिलाडियों के लिए न तो पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है और न ही सुविधाएं है। यहां तक कि दर्शकदीर्घा और सीमेंट कुर्सियां भी टूटी-फूटी है। मैदान भी खेल प्रेक्टिस करने के नजरिये से उपयुक्त नहीं है और खिलाडियों को प्रेक्टिस करने में परेशानियां होती है। लेकिन रेलवे अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में खिलाडिय़ों ने खेल युवा कल्याण विभाग को यह स्टेडियम स्थानांतरित करने की मांग की है, ताकि स्टेडियम खेलों के उपयुक्त बनाया जा सके। दरअसल शहर की खेल प्रतिभाओं को अभ्यास करने के लिए कोई उचित खेल मैदान नहीं है। एकमात्र रेलवे का स्टेडियम है, यहां भी सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ी प्रेक्टिस नहीं कर पाते है। मैदान के चारों तरफ गाजर घास उग आई है। आवारा मवेशियों का डेरा लगा रहता है। मैदान में पत्थर-कंकड की वजह से खिलाड़ी घायल होते है। जिससे खिलाड़ी लंबे समय तक अभ्यास नहीं कर पाते है और उनकी प्रेक्टिस छूटने से वह प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते है। जिससे उनके अंदर की प्रतिभाएं दम तोडऩे लगती है।
*दर्शकदीर्घा और कुर्सियां टूटी, लोग परेशान ……….
रेलवे स्टेडियम में बने दर्शकदीर्घा की सीढियां टूट रही है। इससे यहां कोई प्रतियोगिता आयोजित भी की जाती है तो दर्शकों को बैठने में काफी दिक्कते होती है। संजय पाटिल, नोवनित डोंगरे,ने बताया कि अचानक बारिश हो जाये तो खिलाड़ी दर्शकदीर्घा के नीचे ही खड़े रहकर बारिश से बचाव करते है। लेकिन दर्शकदीर्घा की सीटे भी क्षतिग्रस्त होने से पानी नीचे गिरता है। जिससे खिलाड़ी भीग जाते है। खिलाडियों का कहना है कि शहर में कम से कम एक सर्वसुविधायुक्त स्टेडियम होना चाहिए। खिलाड़ी नवनीत डोंगरे भूपेंद्र नागले,संजय पाटिल हेमंत साहू बंटी सिराज खान का कहना है कि शहर में कई ऐसी खेल प्रतिभाएं है, जिन्होंने आमला शहर का नाम जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया है, लेकिन उपयुक्त वातावरण के अभाव और खेल मैदान की कमी के कारण कई बच्चे अपनी प्रतिभा से वंचित हो रहे है।
*स्टेडियम खेल युवा कल्याण को हस्तांतरित करने की मांग*
शहर में सर्वसुविधायुक्त स्टेडियम नहीं होने से खिलाडियों में नाराजगी है। खिलाड़ी नवनीत डोंगरे भूपेंद्र नागले,संजय पाटिल हेमंत साहू बंटी सिराज खान का कहना है कि इस दिशा में न तो अधिकारी गंभीर दिख रहे है और न ही जनप्रतिनिधियों ने कोई ऐसा प्रयास किया है, जिससे कि खिलाडियों को सर्वसुविधायुक्त स्टेडियम की सौगात मिल सके। खिलाडियों के पास अभ्यास के लिए रेलवे का स्टेडियम है, लेकिन यह भी अनदेखी के कारण बर्बाद होते जा रहा है। ऐसे में इस स्टेडियम को खेल युवा कल्याण विभाग को हस्तांतरित कर दिया जाना चाहिए, ताकि विभाग इस स्टेडियम को सर्वसुविधायुक्त बना सके। खिलाडिय़ों ने केन्द्रीय राज्य मंत्री एवं जिले के सांसद से उक्त मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। जिससे कि आमला के खिलाडिय़ों को बेहतर सुविधाएं मिल सके।
*इनका कहना है -*
चूंकि स्टेडियम रेलवे विभाग का है। केन्द्र सरकार से सांसद द्वारा स्टेडियम को खेल विभाग के सुपुर्द करने की पहल की जाती है तो हम स्टेडियम को बेहतर बनाने का प्रयास करेगे।
*रामनारायण शुक्ला, ब्लाक समन्वयक, खेल युवा कल्याण विभाग, बैतूल*