वरिष्ठ नागरिक और माता-पिता को बच्चो/उत्तराधिकारियों द्वारा भरण-पोषण कराना कानूनी दायित्व*-जिलाधिकारी
रिपोर्ट आदेश सक्सेना
कन्नौज (उ. प्र.)
आज जिलाधिकारी महोदय ने अपनी एक मीटिंगमें यह बताया कि
उत्तर प्रदेश माता-पिता औरबरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 एवं नियमावली 2014 के प्रभावी क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु कलेक्ट्रेट गांधी सभागार में आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी श्री शुभ्रान्त कुमार शुक्ल ने कहा कि कोई भी वृद्ध अपने आपको असहाय महसूस न करें। जिला प्रशासन उनके साथ है। ऐसे माता-पिता, वरिष्ठ नागरिक जो अपनी आय और सम्पत्ति से अपना भरण-पोषण नहीं कर सकते, वे इस अधिनियम के तहत भरण-पोषण का दावा तहसील स्तर पर नामित सुलह अधिकारी के माध्यम से करा सकते हैं। कहा कि दावे का निस्तारण निर्धारित समयावधि में किया जायेगा। माता-पिता, वृद्धजनों को भरण-पोषण न करने वाले एवं प्रताड़ित करने वाले बेटे की आय से मानक के अनुसार पैसे की कटौती कर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। उन्होनें कहा कि किसी भी माता-पिता/वरिष्ठ नागरिकों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, उसके लिये सरकार तत्पर्यता के साथ कार्य कर रही है। कहा कि तहसील तिर्वा एवं छिबरामऊ में सुलह अधिकारी नामित करने हेतु प्रस्ताव तैयार किया जाये।
श्री शुक्ल ने समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिये कि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण से संबंधित होर्डिग्स, बैनर-पोस्टर आदि लगाये जाये तथा चैपाल के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाये, जिससे निर्धन, निराश्रित तथा जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिको को अधिनियम का लाभ मिल सके। कहा कि बाल संरक्षण केन्द्र और वृद्वाश्रम हेतु जमीन चिन्हित कर ली गयी है। शासन को प्रस्ताव भेजा जाये। उन्होने चिकित्सा विभाग को निर्देश दिये कि सर्दी का मौसम आने वाला है, वृद्वजनों की मोतियाबिन्द आदि आखों से संबंधित आपरेशन करने की तैयारी कर ली जाये। स्कूल में जिन बच्चो को देखने में कठिनाई पायी जाये, चिकित्सा विभाग द्वारा चश्मा एवं इलाजउनको उपलब्ध कराया जाये।
बैठक अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) श्री आशीष कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी श्री राम कृपाल चौधरी,जिला विकास अधिकारी श्री नरेन्द्र देव द्विवेदी सहित संबंधित अधिकारीमौजूद रहे