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29 लाख के गबन के आरोप की जांच

रिपोर्टर-मनी टंडन

सक्ती।जनपद पंचायत सक्ती के ग्राम पंचायत बेल्हाडीह में 29 लाख के फर्जीवाड़े की शिकायत जांच ठंडे बस्ते में पड़ी है। कार्रवाई के नाम पर अधिकारी पंचायत के सरपंच और सचिव पर मेहरबान नजर आ रहे हैं। शिकायत के बाद सचिव घासीराम साहू को हटाकर अधिकारी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।

विदित हो कि ग्राम पंचायत बेल्हाडीह के ग्रामवासियों ने बिना काम किए रकम आहरण करने की जांच कराने की मांग कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री तक से कर डाली है। विडंबना ही कहें की किसी के कानों में जूं तक नहीं रेंगी है। आलम यह है कि न तो ढंग से जांच की गई और न ही कोई ठोस कार्रवाई की गई। आज भी ग्रामीण कार्रवाई की आस लगाए बैठे हैं।

शिकायतकर्ताओं से प्राप्त जानकारी के मुताबिक गांव के कुछ ग्रामीणों ने सूचना के अधिकार के तहत रोकड़ बही बीते चार साल निकाली थी, जिससे प्राप्त जानकारी के अनुसार संलग्न, दिनांक, काम का विवरण एवं राशि को सरपंच सचिव के द्वारा काम किए बगैर फर्जी मास्टर रोल तैयार कर राशि आहरण करना पाया था। उक्त कार्य ग्राम पंचायत अंतर्गत हुए नहीं थे। सभी राशि बिना काम के निकाल ली गई थी। जिसकी जांच के लिए निष्पक्ष जांच कमेटी बनाकर स्थल जांच और भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन सभी कामों के लिए करने की मांग की गई थी। ग्रामीणों ने मांग करते हुए सरपंच व सचिव के द्वारा बिना काम किए 2020-21 से आहरण कर गबन करने का आरोप भी लगाया था। जिसके लिए स्थल जांच/भौतिक सत्यापन कराकर उन्हें पद से पृथक करने की मांग की थी। साथ ही आपराधिक प्रकरण दर्ज कराकर गबन की राशि वसूली करने की मांग की थी लेकिन अब यह मामला ठंडे बस्ते में जाता हुआ नजर आ रहा है। इस संबंध में ग्रामीणों को शिकायत किए 3 माह से अधिक का समय बीत चुका है। अभी तक कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है।

बिना जांच के लौट गए थे जांच अधिकारी-

ग्राम पंचायत बेल्हाडीह के ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच एवं सचिव के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत कलेक्टर, जनपद सीईआ,े जिला पंचायत सीईओ से लेकर मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े तक कर दी गयी है लेकिन आज पर्यंत तक कार्रवाई नहीं होने से भ्रष्टाचार करने वाले सरपंच के हौसले बुलंद हैं। शिकायत करने वालों को धमकी देने की आये दिन शिकायतें प्राप्त होती हैं। हाल ही में औपचारिकता पूरी करने के लिए जांच टीम को ग्राम पंचायत बेल्हाडीह भेजा गया था। जहां जांच के दौरान ही जांच अधिकारी एकपक्षीय कार्रवाई सुनते हुये ग्रामीणों को दबाने की कोशिश कर रहे थे। ग्रामीणों के विरोध के बाद वे बिना जांच किए ही वहां से चले गए। उसके बाद आज पर्यंत तक किसी भी प्रकार की जांच करने कोई भी जांच अधिकारी गांव नहीं पहुंचा है।

बिना सूचना दिए गांव पहुंचे थे जांच अधिकारी-

ग्रामीणों ने बताया कि एक बार जांच करके जांच अधिकारी तो थे लेकिन उन्होंने ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी थी जिसके कारण कई ग्रामीण तो जांच करने के दौरान उपस्थित नहीं थे उसके बावजूद जो लोग उपस्थित थे उनकी बात सुनी ही नहीं जा रही थी और सचिव तथा सरपंच की एक पक्षी बात सुनकर। वे कोई भी फैसला ले रहे थे जिसका विरोध किया गया था और वे जांच अधूरी छोड़कर वहां से भाग निकले थे।

ग्रामीणों की मांग आखिर लाखों का गबन करने वालों पर कब होगी कार्रवाई-

ग्रामीणों ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि गबन के सबूत देने के बावजूद और भौतिक सत्यापन कर निष्पक्ष जांच की मांग की गई है लेकिन जिला बनने के उपरांत भी जिस प्रकार ढिलाई बरती जा रही है निश्चित तौर पर ऐसे कृत्य से सरपंच के हौसले बुलंद हैं और वे शिकायतकर्ताओं को धमकाने और चमकाने से बाज नहीं आते। ग्रामीणों ने करबद्ध निवेदन करते हुए विभागीय अधिकारियों से मिलकर निवेदन किया है कि वे गाँव में हुए कथित निर्माण कार्यों की धरातल पर आकर जांच करें। उन्हें इस बात का पता चल जाएगा कि विगत चार वर्षों में गांव में लगभग 29 लाख की राशि का गबन किया गया है जिन कार्याें को बताया गया है इससे वास्तव में हुए ही नहीं हैं।

इन कार्यों के नाम पर कर ली गई राशि आहरण

आरटीआई कार्यकर्ताओं को प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिया निर्माण, हैण्डपम्प में पाइप, रॉड रिपेयरिंग, पुलिया निर्माण, बोर खनन, स्थापना, मरम्मत, समतलीकरण, सीसी रोड निर्माण, नाली निर्माण, सड़क मरम्मत, स्टेप नल, जल योजना, पुलिया निर्माण, साफ सफाई, तालाब की साफ सफाई, हैंडपंप चबूतरा निर्माण, नाला, सीसी रोड निर्माण, बोर मोटर सामग्री, वाहन व्यय जैसे अनेक प्रकार के व्यय बताते हुए लगभग उनतीस लाख के कार्यों का विवरण दिया गया है लेकिन ग्रामवासियों ने बताया कि वास्तव में ये सभी काम हुए ही नहीं हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि राशि का आहरण किया गया है उसकी धरातल पर आकर भौतिक सत्यापन कराएं और निष्पक्ष जांच करें। जिससे सच्चाई सामने आ जाएगी और गांव में हुए भ्रष्टाचार की एक एक परत खुल जाएगी।

मेरे पास जांच प्रतिवेदन नहीं है. इस सम्बंध में जो कुछ जानकारी चाहिए जनपद की जांच शाखा में आकर पता किया जा सकता है. इस बारे में मुझे कुछ जानकारी नहीं है.

प्रीति पवार

सीईओ, जनपद पंचायत, सक्ती

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