मुख्यमंत्री के पिता पूनमचंद यादव को दी विदाई, अंतिम यात्रा में शामिल हुए हजारों लोग
मोहम्मद अय्युब शीशगर
*इंदौर/उज्जैन.* बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव के अंतिम संस्कार की क्रिया पूर्ण हो गई। अब पिता की यादें ही शेष रह गई। जीवन में उन्होंने जो संघर्ष किया, साहस- हिम्मत और मेहनत के बूते से जिस मुकाम पर पहुंचे, अब सिर्फ यादों में रह गया। उनके किस्से- कहानियां, हंसी-ठिठौली के सभी लम्हें पल-पल याद आएंगे। इस बेला में श्रद्धांजलि देने वालों की जो भीड़ उमड़ी, वह ऐतिहासिक थी। संभवतः इससे पहले शहर में शायद ही किसी अंतिम यात्रा में इतनी अधिक संख्या में लोग जुटे हों। छतों, छज्जों और सड़कों पर मंच बनाकर लोगों ने पुष्प वर्षा की। कर्नाटक के राज्यपाल से लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उस ट्रक पर सवार थे, जिसमें बाबूजी का पार्थिव शरीर रखा था। सुबह 10.30 बजे गीता कॉलोनी में लगभग 8 से 10 हजार लोगों की चहल-कदमी थी, लेकिन सन्नाटा भी वहां पसरा हुआ था। आने वाला हर व्यक्ति सीधे डॉ. यादव के पैतृक निवास की तरफ बढ़ रहा था। वीवीआइपी की गाड़ियों को निकास चौराहे से बुधवारिया की तरफ डायवर्ट किया गया था। वहीं से निवास स्थान तक सभी नेता-मंत्री पैदल चलकर बाबूजी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
स्व. पूनमचंद यादव की अंतिम यात्रा सुबह 11.30 बजे अब्दालपुरा स्थित गीता कॉलोनी के निवास से प्रांरभ होकर खजूर वाली मस्जिद, बुधवारिया, निकास चौराहा, तेलीवाड़ा, कंठाल, सतीगेट, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, ढाबा रोड, बड़ा पुल, कार्तिक मेला ग्राउंड होते हुए क्षिप्रा तट के भूखी माता मंदिर के समीप पहुंची। • रास्ते में नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं चलित उठावने का कार्यक्रम गुरुवार शाम 4 से 6 बजे तक जंतर-मंतर के पास स्थिति होटल अथर्व में आयोजित किया गया है।
जहां साधु-संत, महाकाल मंदिर पुजारी, अधिकारी, प्रशासनिक व पुलिस के आला अधिकारी, इंदौर व अफसर पहले से मौजूद थे।
*डॉ. यादव के निवास पर पहुंचे पार्टी नेता*
पार्थिव शरीर बुधवार सुबह अंतिम दर्शन के लिए गीता कॉलोनी स्थित उनके निवास पर रखा गया। इस दौरान मंत्री करण सिंह वर्मा, तुलसीराम सिलावट, प्रद्युम्नसिंह तोमर, उदय प्रताप सिंह, चेतन्य काश्यप, विश्वास सारंग, दिलीप जायसवाल, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष उषा अग्रवाल, उज्जैन जिलाध्यक्ष विवेक जोशी, ग्रामीण जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह बोरमुंडला, प्रदेश प्रवक्ता यशपाल सिंह सिसोदिया एवं राजपाल सिंह सिसोदिया सहित अन्य ने अंतिम दर्शन किए।
*अंत्येष्टि में शामिल हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता*
अंतिम यात्रा में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री शिवराजसिंह चौहान, केन्द्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य सत्यनारायण जटिया, प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश शासन के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेन्द्र शुक्ल, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा सहित प्रदेश के अन्य जिलों से आए पार्टी के जनप्रतिनिधि, कार्यकर्ता एवं नागरिक शामिल हुए।
*कांग्रेस नेताओं ने भी दी श्रद्धांजलि*
विधायक महेश परमार, दिनेश जैन बोस, शहर अध्यक्ष मुकेश भाटी, रवि राय, राजेश- माया त्रिवेदी, चेतन यादव, महेश सोनी, बटुकशंकर जोशी व अन्य ने पुष्प अर्पण कर श्रद्धांजलि दी। इस्कॉन मंदिर के अनुयायियों ने भजन- कीर्तन किए।
*सीएम डॉ. यादव को मां धार्मिक संस्कार तो पिता कर्म ज्ञान दे गए*
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज जिस मुकाम पर हैं, इसके पीछे उनके माता-पिता का आशीर्वाद रहा है। घर में सबसे छोटे होने के कारण माता-पिता के लाड़ले थे। यही वजह है कि धार्मिक प्रवृत्ति की मां लीलाबाई उन्हें धार्मिक संस्कार तो पिता पूनमचंद कर्म का ज्ञान देकर गए हैं मुख्यमंत्री डॉ. यादव की माता लीलाबाई का 95 वर्ष की उम्र में पिछले वर्ष 13 मार्च 2023 को निधन हो गया था। उसके 18 महीने बाद पिता का देहांत हो गया। मां लीलाबाई धार्मिक प्रवृत्ति की थी, इसका असर डॉ. यादव पर भी पड़ा। डॉ. यादव आज भी प्रदोष, ग्यारस जैसे अन्य व्रत करते हैं। बताते हैं कि मां ने निधन से पहले कहा था बेटा अब समय आ गया। इस पर डॉ. यादव का कहना था अभी तो कान्हा की शादी करना है, इतनी जल्दी कहां जाना। उस समय मां की तबीयत खराब होने पर चिंता में भी रहते थे। पिता पूनमंचद के साथ उनकी बांडिंग थी। पिता पूरे समय खेती में लगे रहते थे इसलिए खेती- किसानी की बात करते थे। जब भी डॉ. यादव माता-पिता से मिलते थे हंसी-मजाक खूब करते थे।