पहले पांढुर्णा का बोरपानी और अब कोंडाली में उल्टी दस्त से ग्रामीण बेहाल,
रिपोर्ट – सुरजीत सिंह ठाकुर
छिंदवाड़ा / पांढुरना (ब्यूरो चीफ) सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दो दिन पहले पांढुर्ना के बोरपानी गांव में उल्टी दस्त से ग्रामीण त्राहि त्राहि कर ही रहे थे कि अब ऐसा ही मामला कोंडली गांव में भी देखने में आया है। जहां ग्रामीण हैजा के लक्षण जैसे उल्टी दस्त से बेहाल हो रहे हैं। कोंडली गांव में उल्टी दस्त (संभवत हैजा) के मामले में शनिवार को एक नई बात निकलकर सामने आई। जब स्वास्थ्य विभाग ने यहां जाकर निरीक्षण किया तो जिस कुएं से पूरे गांव में पानी की सप्लाई हो रही थी, उसमें सैकड़ो की संख्या में मछलियां मृत पाई गई। कुएं में पाई गई मृत मछलियों के कारण कुए के पानी में भयंकर बदबू आ रही थी। बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम के परीक्षण के बाद इस कुएं के पानी की सप्लाई को बंद कर दिया गया। आप पूरे गांव में दो बोर से पानी की सप्लाई की जा रही है। इस सारे घटनाक्रम में ग्राम पंचायत की भी बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। पांढुर्णा और नांदनवाड़ी सरकारी अस्पताल में उल्टी दस्त से पीड़ित तकरीबन आठ लोगों को भर्ती किया गया है। जिनमें से सात लोगों का प्राथमिक उपचार कर उन्हें छुट्टी दे दी गई। लेकिन सीमा भलावी नामक एक महिला का पांढुर्ना के सरकारी अस्पताल में अब भी इलाज जारी है। शनिवार को ही उल्टी दस्त के दो और नए मरीज सामने आए हैं।
*जिम्मेदार अधिकारियों के गोलमोल जवाब-*
वही पी एच ई के एसडीओ सुभाष गाडगे कुंऐ के दूषित पानी की बात ना करते हुए सिर्फ बोर के पानी की शुद्धता पर ही अपनी बात केंद्रित किए हुए हैं। इस मामले में बीएमओ डॉक्टर दीपेंद्र सलामे बताते हैं कि यहां की सूचना मिलने के पश्चात कोंडाली गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर ग्रामीणों का इलाज किया जा रहा है, और घर-घर जाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है। लेकिन यह अधिकारी यह बताने की स्थिति में नजर नहीं आते कि वास्तव में ग्रामीणों को उल्टी दस्त होने की वजह दूषित पानी है या कुछ और।