जैन समाज का पर्युषण क्षमापना पर्व
रिपोर्ट राजेश पाठक
उन्हेल। पर्वधिराज पर्युषण पर्व के समापन के अवसर पर जैन श्वेतांबर मूर्ती पूजक संघ द्वारा शनिवार को कल्प सूत्र का वाचन और चैत्य परिपाटी का आयोजन किया तद्पश्चात दोपहर में समाजजनों द्वारा उपाश्रय में संवतसरी प्रतिक्रमण किया गया। और मिच्छामि दुक्कडमं के साथ की गत वर्ष में हुई भूल के लिए एक दूसरे से क्षमा मांगी । इसी कड़ी में रविवार प्रातः बागमल केसरीमलजी परिवार द्वारा मंदिरजी , भरतकुमार चौहान परिवार द्वारा गुरु मंदिर पट खोलने की बोली का लाभ लेकर दोनो मंदिर के पट खोले।समस्त समाजजनों द्वारा नवकारशी के आयोजन के साथ ही सामूहिक क्षमावाणी का आयोजन जैन धर्मशाला में किया।भुल होना प्रकृति है, मान लेना संस्कृति है मेरे मन, वाणी और वर्तन से जाने-अनजाने आपको दु:ख हुआ हो…. तो संवत्सरी क्षमापना पर्व पर मन, वचन और काया से आपसे क्षमायाचना करते हुए…हम आपके स्नेह मैत्री भाव की कामना करते है…ओर हुई गलतियों के लिये हमें क्षमा करे यह भाव रखते हैl इस प्रकार की भावना रखते हुए समाज जन ने क्षमापना पर्व मनाया। इस मौके पर श्री संघ अध्यक्ष सतीश मारू ने सभी का आभार माना।
फोटो 01 क्षमायाचना मे उपस्थित जैन समाज