बाग जनपद मे तुगलकी शासन,जिलाधिकारियों का कोई अंकुश नही
संवाददाता संजय देपाले
*धार (बाग )*-: जनपद बाग पर जिलाधिकारियों का कोई अंकुश नही जिसके चलते इस जनपद मे सी.ई.ओ. से लेकर योजना प्रभारियों की मनमानी चरम पर है। कही डमी ठेके दिये जा रहे है तो कही बिना टी.एस.– ए. एस. के तकनीकी अधिकारियों के द्धारा बिना नालेज मे लाये उनसे साईड पर डांईग डिजाइन लिये बिना व तकनीकी नियमों के विरुद्ध निर्माण कार्यो को अंजाम दे देने के परिणाम यह है कि अब निर्माण एजेंसियों व सामग्रियों के प्रदाताओं को अपने भुगतान के लिये कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे है,जब महिनों भुगतान नही हो पा रहा है तो सी.एम. हेल्पलाइन पर शिकायत तो डमी ठेकेदार तकनीकी अधिकारियों पर भष्ट्राचार के आरोप लगाकर मानसिक दबाव बनाकर भुगतान करनें को विवश कर रहे है।
अब यहां नियमों के पालनकर्ता इन्जीनियर परेशान हो रहे है।
बाग जनपद के सी.ई.ओ. स्वच्छ भारत मिशन मे लाखों रुपयों की लागत से बना जनपद प्रांगण मे सुलभ सुविधा घर को किसके आदेश से तोड़ा यह तो बताया नही जा रहा परन्तु शिकायत के बाद भी उस मुद्दे की शिकायत पर भी कोई कार्यवाही नही होने से जनपद की अन्य एजेंसियों के हौंसले बुलंद पर है।
जनपद बाग मे आर.ई.एस. के मामलें सामनें आये थे वे समाचारपत्रों की सुर्खियों मे प्रकाशित होने के बाद भी इन मामलों पर भी जिलाधिकारियों के कानों पर जूँ तक नही रेंगी,इसके बाद जनपद बाग क्षेत्र मे स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021–22 मे इस जनपद की अधिकांश ग्राम पंचायतों मे सामुदायिक व व्यक्तिगत सौक्ता गड्ढों के निर्माण मे भारी तकनीकी अनियमितताओं के मामले सामने आये है जिसमें वे डमी ठेकेदार अपने किये कार्यों के भुगतान के लिये परेशान है वही इन गड्ढों के निर्माण मे सामग्रियों के प्रदाता भी परेशान है जिन्होंने शासकीय कार्य समझकर कर डिलेवरी कर दी।अब हालात यह है कि जो अन्य जिलों से आयात करके लाये डमी ठेकेदार है उन्होंने तकनीकी नियमों विरुद्ध कार्य तो कर दिया अब वे दो बरस से भुगतान के लिये परेशान हो रहे है तो जनसुनवाई धार मे जनपद बाग के तकनीकी अधिकारियों पर रिश्वतखोरी के झुठे इल्जाम लगाकर उनको मानसिक दबाव मे लेने का कुत्सित प्रयास कर रहे है तो सामग्री प्रदाता सी.एम.हेल्प लाईन पर शिकायत कर सिरदर्द बढ़ा रहे है,परन्तु जिला प्रशासन को सिलवटें भी नही आ रही है कि जनपद बाग मे इस तरह मनमानी के कार्य किये ही क्यों गये है।
सूत्रों के अनुसार प्राप्त जानकारी यह है कि स्वच्छता अभियान मे कार्यों की प्रोगेस की होड़ मे सम्बंधित अधिकारी ने नियमानुसार जनपद की तकनीकी क्रियान्वयन एजेंसी से सौक्ता गड्ढों के लिये टी.एस.एवं ए.एस. तक नही ली गई।लगभग छः से आठ हजार रु. की लागत से सैकड़ों सौक्ता गड्ढों का निर्माण हो गया।यह सब नियमों विरुद्ध है।
अब यहाँ सवाल यह उठता है कि कामो की निगरानी वाले जनपद सी.ई.ओ. किस काजल कोठरी मे सोये रहे और निर्माण नियमों विरुद्ध क्यों और कैसे हो गये।
इन सभी कार्यों की जाँच जिला स्तर से होने पर ज़िम्मेदारो पर कार्यवाही होना चाहिए कि धार जिले की जनपद बाग मे इन्दौर जिलें के ठेकेदारों को कैसे एवं क्यों किसने काम दिलवाया है,जो अब भुगतान के लिए तकनीकी अधिकारियों पर झुठे आरोप लगा रहे है,जबकि वास्तविकता मे ये सारे काम नियमों विरुद्ध है।