भजन जब भोजन बन जाए तो आत्मा परमात्मा बन जाती है- कोश्लेन्दृ जी महाराज
रिपोर्ट प्रदीप जैन
*सिंगोली/* नगर में विगत 17 सितम्बर से शुरू हुई भागवत कथा में वृन्दावन के प्रसिद्ध कथाकार कोश्लेन्दृ जी महाराज के मुखारविंद से तीसरी दिन भागवत कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि भजन कर मस्त जवानी मे बुढ़ापा किसने देखा है अर्थात जो कुछ करना वो अभी जवानी मे करलो वर्ना बुढ़ापे मे कान नाक आंख हाथ पेर सब जवाब दे देंगे इसलिए कुछ नही कर पाओगे। आगे बोलते हुए कहा कि इन्सान के जीवन में भजन जब भोजन बन जाए तो आत्मा परमात्मा बन जाती है। हमारी तृष्णा का पेट कभी भर नहीं सकता है इसलिए अभी भी समय है कि हम अपने आप को राम नाम से जोड़ कर अपने जीवन का उद्धार करे। कथा में बोलते हुए कोश्लेन्दृ जी महाराज ने कहा कि आज हम बाहर की धन सम्पदा को जोड़ रहें जो किसी काम की नही है हमारे काम यदि कोई सम्पदा आएगी तो वो हमारी आत्मा को परमात्मा से जोड़ कर एकत्रित की गई धर्म सम्पदा काम आएगी। हमे दुनिया की झुठी वाह वाह मे नही पड़कर सच्चे गुरु से जुड़कर धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहिए। भगवान के स्मरण भर से पुरे ब्रह्माण्ड की यात्रा हम कर सकते हैं। कथा के तीसरे दिन भागवताचार्य कोश्लेन्दृ जी महाराज ने सती चरित्र, जड़भरत रहूगण संवाद, एवं प्रहलाद चरित्र पर बोलते हुए बहुत सुंदर तरीके से भक्तों को कथा का श्रवण कराया। महाराज के मुखारविंद से कथा के बीच बीच में भगवान के मीठे मीठे भजनों से कथा में उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। नगर में तिवारी एवं बिल्लु परिवार द्वारा अपने पुर्वजों की स्मृति में आयोजित भागवत कथा भक्ति ज्ञान गंगा महोत्सव के तीसरे दिन व्यासपीठ एवं भागवत जी की आयोजक तिवारी एवं बिल्लु परिवार के साथ भिलवाड़ा से आए डाक्टर विरेन्द्र शर्मा डाक्टर प्रवीण ओझा डाक्टर विरेन्द्र शर्मा ओटी इन्चार्ज चांदमल एवं दीपक सर्वा ने पूजा अर्चना करते हुए कथा की शुरुआत की।कथा के आयोजक तिवारी एवं बिल्लु परिवार द्वारा भक्तों के लिए बहुत ही सुन्दर व्यवस्था गौतमालय परिसर में कर रखी है।