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रतलाम रेलवे स्टेशन अब एनएसजी-2 कैटेगरी में शामिल यहां पर यात्रियों के लिए होंगी एयरपोर्ट की तरह सुविधाएं

रिपोर्टर मोहम्मद अय्युब शीशगर

*इंदौर/रतलाम* हमारा रतलाम स्टेशन अब नॉन सबअर्बन ग्रेड (एनएसजी)- 2 में आ गया है। यह अब तक एनएसजी-3 में था। दरअसल, नए नियमों के तहत यात्री संख्या और आय के आधार पर भारतीय रेलवे ने देश के 8809 स्टेशनों की कैटेगरी का पुनर्निर्धारण किया है। इसमें रतलाम समेत 5945 स्टेशन नॉन सबअर्बन ग्रुप के हैं। एनएसजी-टू श्रेणी में देश के 113 स्टेशन हैं। इनमें रतलाम मंडल के रतलाम, उज्जैन, इंदौर और वडोदरा, राजकोट, वापी, साबरमती, गांधीधाम, बांद्रा टर्मिनस समेत पश्चिम रेलवे के 9 स्टेशन हैं। कैटेगरी में बदलाव के बाद अब रेलवे इन स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं का विस्तार करेगा। ये लगभग एयरपोर्ट की तरह होंगी। नए सिरे से निर्धारित स्टेशनों की श्रेणी में एनएसजी-वन में पश्चिम रेलवे के 3 स्टेशन हैं। इनमें रतलाम मंडल का एक भी नहीं है। एनएसजी-श्री श्रेणी में देश के 307 और रतलाम मंडल के नागदा, देवास, चित्तौड़गढ़ समेत पश्चिम रेलवे के 23 स्टेशन हैं। एनएसजी-4 में 335, एनएसजी-5 में 1063 और एनएसजी-6 में 4099 स्टेशन लिए गए हैं। इसके अलावा 2286 हॉल्ट स्टेशन भी हैं, जिसमें पश्चिम रेलवे के 246 हैं।

 

*रतलाम स्टेशन की इसलिए बढ़ाई कैटेगरी*

रतलाम स्टेशन से सफर करने वाले यात्रियों (रिजर्व व अनरिजर्वड) की संख्या सालाना 52.04 लाख हो गई है। इसमें 10.97 लाख रिजर्व और 41.07 अनरिजर्वड है। यात्री आय 1.01 अरब हो गई है। इसमें रिजर्व से 67.88 करोड़ और अनरिजर्वड से 33.87 करोड़ रुपए पहुंच गई है।

 

*अब स्टेशन पर ये सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी*

सामान्य स्टेशनों की बजाय अब एनएसजी-टू वाले स्टेशनों पर एयरपोर्ट की तरह सुविधाएं जुटाई जाएंगी। इसमें वेटिंग लाउंज, सभी सीढ़ियों के साथ एस्केलेटर, लिफ्ट, मेडिकल फेसिलिटी, वाटर फाउंटेशन, वेटिंग बेंच, वेटिंग एरिया के साथ सेफ्टी स्टेंडर्ड भी शामिल है। वर्गीकरण होता है। इस बार 2018 के बाद अब हुआ है। क्षित यात्रियों की संख्या, उससे हुई आय को आधार बनाया गया 023-24 के आंकड़ों को आधार बनाया गया है।

 

*भारतीय रेलवे में किस श्रेणी के कितने नॉन सबअर्बन स्टेशन*

 

कैटेगरी 2018 2024

एनएसजी-1 21 28

 

एनएसजी-2 77 113

 

एनएसजी-3 227 307

 

एनएसजी-4 286 335

 

एनएसजी-5 1056 1063

 

एनएसजी-6 4238 4099

 

(नोट – इसके अलावा 578 सबअर्बन स्टेशन और 2286 हॉल्ट स्टेशन भी हैं)

*ऐसे होता है श्रेणियों का पुनर्निर्धारण*

प्रत्येक पांच साल में स्टेशनों का वर्गीकरण होता है। इस बार 2018 के बाद अब हुआ है। वर्गीकरण में सामान्य और आरक्षित यात्रियों की संख्या, उससे हुई आय को आधार बनाया गया का पुनर्निर्धारण है। गणना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के आंकड़ों को आधार बनाया गया है।

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