अस्तित्व खोने की कगार पर आ पहुंचा उप स्वास्थ्य केंद्र करकटी
संवादाता विकास विश्वकर्मा
शहडोल मध्यप्रदेश में बड़े तेजी से स्वास्थ्य सेवाओं के पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कार्य कर रहें हैं। वही दूसरी ओर ठीक इसका उल्टा ही कार्य हो रहा हैं। जी हाँ शहडोल जिले के जनपद पंचायत सोहागपुर छेत्र के ग्राम पंचायत करकटी खनिज मद से आया 10 लाख रुपये की बाउंड्री वाल को घटिया निर्माण कार्य किया जा रहा हैं। साथ ही जिस इस्टीमेट की बात करें तो उक्त बाउंड्री वाल में एक गेट की जगह अनेक गेट देने का प्रावधान बनाया जा रहा हैं।
*_निजी संपत्ति को बताया सरकारी संपत्ति – ग्राम पंचायत_*
सुकसेन बैगा की निजी भूमि को अपना कहने वाले ये नहीं जानते कि कानून आज भी हैं। और न्याय मिलने में देर हैं लेकिन अंधेर नहीं , हल्का पटवारी से मिली जानकारी के अनुसार सुकसेन बैगा के पास कुल 1 एकड़ 3 डिसमिल भूमि खसरे में दर्ज हैं। लेकिन सुकसेन बैगा के पास कब्जे में केवल 55 डिसमिल ही मौजूद हैं। शेष भूमि कहा हैं किसी को नहीं पता । सुकसेन से जब पंचायत से अपनी भूमि की मांग की तो पंचायत ने उन्हें ऐ बोला गया कि जो कब्जे में अपने पास 2 डिसमिल अलग से रखे हो उसको वापस कर दो । अगर किसी के पास पूरी जमीन कब्जा नहीं हैं। तो उसका जमीन लेना का अधिकार हैं । कि नहीं ? क्या पंचायत के द्वारा किसी गया कार्य सही हैं या गलत ?
*बाउंड्री के नाम पर स्वास्थ्य केंद्र को ही बंद करने का सोच रहे हैं तरकीब*
जिसके नाम से आया 10 लाख रुपये की बाउंड्री बनेंगी और उचित इलाज होगा। लेकिन यहाँ कुछ अलग ही हो रहा हैं। यहाँ जनता की नहीं होती सुनवाई। जब एक गेट लगने का प्रावधान हैं। और उस जगह से ग्रामीणों का भविष्य बन सकता हैं। तो उनके भविष्य से खिलवाड़ क्यों ? किसने दिया अधिकार
*उपयंत्री ने किया मौन धारण*
ग्राम पंचायत करकटी जब से आधिकारिक तौर पर कोई भी कार्य हो रहा हो लेकिन उक्त कार्य को कभी इंजीनियर साहब कभी उस कार्य न ही जानकारी लेते हैं। और न ही उस कार्य की गुडवत्ता पूर्वक जाँच कभी नहीं करते ।
*इनका कहना हैं-*
जब इस संबंध में बात करनी चाही तो फोन नहीं लगा
*श्रीमन शुक्ला*
*शहडोल संभाग कमिश्नर*