रहवासी इलाके में बेलगाम बढ़ते व्यवसाय के कारण बढ़ती पार्किग समस्या !!
संगीता सिंह राठौर
देवास। शहर के मुख्य मार्ग से सटे रहवासी क्षेत्रों में लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए व्यावसायिक उपयोग भी कर रहे है। इनके व्यवसाय के साथ ही इन क्षेत्रों में बाहर से आ रहे लोग अपने वाहन पार्किंग अन्य मकानो के सामने इस तरह से लगा लेते है, मानो की पार्किंग का क्षेत्र व्यवसाय करने वालो ने क्रय कर लिया हो। ऐसी स्तिथि में घर से निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ऐसा ही मोतीबंगला क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। जबकि नियम की बात करे तो नगर निगम क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले संचालकों को उनका पार्किंग क्षेत्र स्वयं ही बनाना होता है।मोतीबंगला रहवासी क्षेत्र का कई लोगों ने व्यावसायिक रुप से उपयोग करना शुरु कर दिया है। इससे परेशानी वहां निवास कर रहे लोगों को उठाना पड़ रही है। यहां संचालित हो रहे व्यवसाय के चलते यहां कई लोग बाहरी क्षेत्रों से आते है उनके वाहन घर के आगे लग जाते हैं जिससे घर से बाहर जाने और खुद के घर में अंदर आने के लिए वाहन हटने का इंताजर करना पड़ता है। मोती बंगला क्षेत्र में कई ऐसे व्यवसाय जिसमें बैंक, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, आँख का अस्पताल, नोटरी ,अवैध व्यवसाय सहित अन्य व्यवसाय संचालित हो रहे हैं। कई तो ऐसे मकान है जिन्हें रहने की जगह को भी किराए से व्यवसाय करने के लिए दिया है।शासकीय कार्य में सेवा देने वाले शासन के जिम्मेदार पटवारियों के भी ऑफिस हैं, उनसे मिलने वाले भी मकान के आगे उनके वाहन बेतरतीब रुप से खड़े कर देते हैं।
इन सभी व्यवसाईयों के वाहन घर के सामने लाइन से खड़े रहते हैं जिससे घर में रहने वाले अपने घर से पैदल भी बाहर नहीं निकल सकते, दो पहिया और चार पहिया गाड़ी से निकलने की तो बात ही छोड़ दो।
रहवासी क्षेत्र में बढ़ते बेलगाम व्यवसाय के कारण घर के सामने अवैध पार्किंग की समस्या कई सालों से लगातार चली आ रही है।व्यवसाईयों से बात करने पर भी वे नहीं मानते तथा गाड़ी खड़ी करने वाले भी उल्टा सीधा जवाब देते हैं। व्यवसाय करने वालों ने अपनी जगह में पर्याप्त पार्किंग की जगह नहीं छोड़ी जिससे वे स्वयं और उनके ग्राहक घर के सामने गाड़ी खड़ी कर देते हैं।यह सिलसिला सुबह से लेकर रात तक चलता है। जिससे घर से आने जाने में समस्या होती है।घर से निकलने का पूरा रास्ता रोक दिया जाता है।
व्यवसाय करने वाले रहवासी के अधिकारों का हनन कर रहे हैं।किसी के मौलिक अधिकारों का हनन करने का मतलब है कि उस व्यक्ति के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है और उसके मूल अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।