स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के अंतर्गत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अगुआई में
संवाददाता गजेंद्र सिंह यादव
न्यायाधीशों व अधिकारी – कर्मचारियों ने हाथ में झाड़ू थाम की परिसर की सफाई
विधि विधायी मंत्रालय भारत सरकार एवं उच्च न्यायालय के निर्देश पर “स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता” की थीम पर हुआ जिला न्यायसालय परिसर में स्वच्छता कार्यक्रम
ग्वालियर 28 सितम्बर 2024/ स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के तहत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पी सी गुप्ता की अगुआई में नवीन जिला न्यायालय परिसर में शनिवार को स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश श्री पी सी गुप्ता, विशेष न्यायाधीश श्री प्रमोद कुमार सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री आशीष दवंडे, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री नितिन कुमार मुजाल्दा, जिला रजिस्ट्रार श्री अमित मालवीय, नगर निगम मजिस्ट्रेट श्री धर्म कुमार एवं जिला मुख्यालय के समस्त न्यायाधीशों सहित जिला विधिक सहायता अधिकारी व जिला न्यायालय के अधिकारी-कर्मचारियों ने हाथ में झाड़ू थाम कर परिसर की सफाई की व कचरा एकत्रित कर नगर निगम के वाहन में डाला।
जिला न्यायालय परिसर में शनिवार को विधि विधायी मंत्रालय भारत सरकार एवं उच्च न्यायालय से “स्वच्छ भारत मिशन की थीम “स्वभाव स्वच्छता – संस्कार स्वच्छता पर सफाई अभियान चलाया गया। ज्ञात हो महात्मा गाँधी की जयंती 02 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत स्वच्छता गतिविधियां आयोजित हो रही हैं।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पी सी गुप्ता ने जिला न्यायालय परिसर में आयोजित हुए स्वच्छता अभियान के दौरान कहा कि इस पहल का उद्देश्य स्थायी व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देना, दैनिक आदतों में स्वच्छता को शामिल करना और स्वच्छ तथा स्वस्थ वातावरण बनाए रखने में सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा नवीन जिला न्यायालय परिसर को स्वच्छ रखना न केवल न्यायाधीशों की जिम्मेदारी है अपितु अधिवक्ताओं, कर्मचारियों व पक्षकारों पर भी यह विशेष दायित्व है। श्री गुप्ता ने कहा नवीन न्यायालय को स्वच्छ परिसर बनाने में हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इस दिशा में जिला न्यायालय में तंबाकू उत्पादों को भी प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही न्यायालय परिसर में तंबाकू उत्पादों का उपयोग करते पाये जाने पर सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003( कोटपा एक्ट) के अन्तर्गत जुर्माना अधिरोपित किया जा रहा है। कार्यक्रम के अंत में न्यायाधीशों और कर्मचारियों ने स्वच्छता को अपने स्वभाव में शामिल करने तथा न्यायालय परिसर को स्वच्छ रखने का संकल्प लिया।
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