तरुण लहरवानी बने विधायक प्रतिनिधि
रिपोर्टर=शेखर ठाकुर
राजनांदगांव विधानसभा की सीट प्रदेश में एक ताकतवर शख्सियत की सीट रही है , तीन बार के मुख्यमंत्री रहे और वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष के बतौर महत्ती जिम्मेदारी संभाल रहे डॉक्टर रमन सिंह के नाम सशक्त है। वहीं दूसरी ओर बड़ी जिम्मेदारियां से घिरे होने की वजह से उन्होंने सबसे ज्यादा अगर कभी भरोसा जताया था तो राजनांदगांव के वरिष्ठ नेता रहे लीलाराम भोजवानी जो दिवंगत हो चुके हैं। ऐसे में निगम के सामान्य सभा की बैठक मात्र के लिए भी अगर तरुण लहरवानी जो भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष के बतौर पदस्थ है उन्हें विधायक प्रतिनिधि बनाया जाना कहीं ना कहीं तरुण लहरवानी की निष्ठा और रमन सिंह परिवार का भरोसा ही कहा जा सकता है। राजनांदगांव में वैसे तो और भी वरिष्ठ नेता है जिन्हें चाहते तो डॉक्टर साहब जिम्मेदारी दे सकते थे पर तरुण लहरवानी को जिम्मेदारी दिए जाने से इस बात की पुष्टि होती है कि कहीं ना कहीं तरुण लहरवानी रमन परिवार से निकट का ताल्लुक रखते हैं। दूसरी ओर इस बात की भी चर्चा हो रही है कि मंडल अध्यक्ष तरुण लहरवानी को तव्वजो मिली, जैसे डॉ रमन सिंह परिवार के निकट रहे सचिन बघेल, संतोष अग्रवाल, वरिष्ठ नेता खूबचंद पारख ,मधुसूदन यादव, नीलू शर्मा, सावन वर्मा, कोमल सिंह राजपूत ,रमेश पटेल, दिनेश गांधी और स्वयं डॉक्टर साहब के पुत्र अभिषेक सिंह जो सक्रिय राजनीति में रह कर अधिकांश दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं का नाम विधायक प्रतिनिधि में न होकर शहर मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे तरुण लहरवानी को विधायक प्रतिनिधि बनाना इस बात के संकेत हैं कि कही परफॉर्मेंस गारंटी देकर मूल्यांकन करने जैसा या फिर अलग अलग विभागों में पृथक पृथक प्रतिनिधि नियुक्त कर लोगो को खुश करने जैसा खाका तैयार किया जा रहा हो। बावजूद इसके तरुण लहरवानी के विधायक प्रतिनिधि बनने पर विश्वसनीयता की मुहर तो रमन सिंह परिवार की लग गई। देखना यहां है कि नगर निगम के सामान्य सभा की यह आखिरी बैठक मानी जा रही है आखिर उसमें क्या कमाल होने वाला है और निगम से शहर वासियों का कौन सा भला?क्युकी तरुण लहरवानी जी को जनप्रतिनिधि की नियुक्ति तो मिल गई है पर क्या वो हर वार्ड जाके लोगो की जन समस्या समझ के और जमीनी स्तर पे कार्य कर सकते है ,जैसे रमन सिंह जी, अभिषेक सिंह जी और मधुसूदन यादव जी करते है ,या फिर ये महज ये बीजेपी कार्यालय के कुर्सी पे बैठक तक सीमित रह पाएंगे और लोगो और पार्टियों के कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता लोग इस बात से खुश है ये तो आने वाला वक्त बताएगा कि समय के गर्भ में क्या छिपा है।।।।।