ग्राम पंचायत मुंडगेलमल एक ऐसा पंचायत है जिसका राज काज सचिव अशोक महंती करते हैं और सरपंच एक मोहरा
रिपोर्टर र्दिलीप नेताम
पंचायती राज्य में अब पंचायत का कर्ताधर्ता सरपंच नहीं केवल सचिन होता है क्योंकि सरपंच का तो ज्यादा दिमाग रहता नहीं बहुत कम पढ़ा लिखा रहता है आदिवासी मोहल्ले क्षेत्र में आदिवासी महिलाएं या पुरुष सरपंच बनते हैं, सारे रिमोट कंट्रोल तो केवल सचिव के हाथ में रहता है जनता महिला पुरुष सभी वर्ग के लोग सचिव अशोक महंती से परेशान है, घोटाले का पूरा गढ़ है 30 से 40 लख रुपए ऐसे हजम कर जाता है जैसे हाजमोला खाकर आदमी चटकार लेता है खाया पिया और पचाया पेट दर्द तो केवल वह सीधे-साधे सरपंच के होते हैं, यहां के सरपंच ,सरपंच पति उस दिन को कोश रहे हैं जब यह सचिव इस पंचायत में नियुक्त होकर आया जनमानस के ग्रामीण विकासिय रुपया को
सरपंच और सचिव मिलकर गबन कर रुपया आहरण करके विभिन्न कार्यों का पंचायत का रुपया हड़प कर गया पूरे दो माह केवल सरपंच का कार्यकाल बचा है परंतु सचिव और उसके लालच को इसकी कोई फिक्र नहीं है कि बदनाम होने से इंसान की दिमाग में क्या होता है यह वह नहीं सोचता कि सरकार का पैसा जनता का पैसा गांव के विकास का पैसा को मैं कैसे हड़प कर जाऊं,नाली निर्माण में धांधली सुलभ शौचालय में अहाता निर्माण में धांधली ,पैसे को और निकाल कर अपने कब्जे में रख लेने के बाद में वह यह बोलता है कि नहीं पैसा आहरण हो गया है अब इनको बनाया जाएगा ऐसा किसी भी पंचायत ऐसा भी कोई नियमानुसार नहीं है कि पहले पंचायत के फंड से अपने जेब में अपने अकाउंट में रखे उसके बाद कार्य 2 साल बाद या डेढ़ साल बाद कार्य हुआ ऐसा नहीं हो सकता सचिव अशोक मेहंदी अपने आप को बहुत ही ज्यादा होशियार व्यक्ति समझता है पता नहीं किसके बदौलत और किसकी रूपरेखा और किसकी नाम और किसके हाथ से या उछल रहा है आख़िर बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी यह तो नहीं जाना जा सकता तुरंत इतना है कि उनके जो भी कार्य में उनके आला अधिकारियों का हाथ जरूर है तभी तो ये इस बात से नहीं डरता कि ऐसा करने से हमें कुछ भी हो सकता है या इनकी सजा मिल सकती है या मैं बर्खास्त हो सकता हूं, मुद्गल माल के ही बागपारा में नवादी यादव के आवास का पैसा मिला 25000 रुपया परंतु उन्हें यह कहकर उनके ₹25000 ले लिया कि मैं बाद में आपको इसका इस आवास को बना कर दूंगा, परंतु इनकी नियत साफ नजर आती है जब जिस घर में नुवादी यादव रहती है उनका घर जीवन और पानी से गिरने पर बारिश होने पर गीली मिट्टी के कमजोर मकान भुर भुर होकर गिर जाती है और पूरे मकान गिरी हुई अवस्था में है यहां तक कि उनकी जो लड़कियां जो दिन हीन अवस्था में दिखाई दे रही है तो वहां उनके घर को बनवा सकता था परंतु यहां पर ₹25000 हड़प करने के लिए और ही लालच
करने के लिए उठे और यह कहकर कि इनका नाम अब लिस्ट में आ चुका है आवास में लिस्ट बना चुके हैं अरे भाई इनका आवास का लिस्ट आ चुका है परंतु वह अगर वह पहले से आ चुका है कि अभी आ चुका है वह तो बताएं जो पैसा को मिला है उसको अभी वर्तमान लिस्ट मे शामिल कर रहा है कि अब बना कर देंगे,, नाली की समस्या है जो निर्माण किया गया है उसका घोटाला ,सुलभ शौचालय का घोटाला, पुल पुलिया का घोटाला, आखिर यह घोटाला करता है तो अपने आप को बचाए रखने के लिए क्या करता है क्या उनके आला अधिकारी को यह रिश्वत देता है घुस देता है 50% देता है तभी तो इन्हें इस बात का इल्म ही नहीं कि मैं जो कर रहा हूं वह कानूनन अपराध है,, जनता तो जानती नहीं की क्या गलत है क्या सही है क्या दूध है और क्या दही है वह तो इतना जानती है कि सरकार हमें जो देती है हम उसमें खुश है परंतु इसका फायदा सचिव अशोक महंती जैसे व्यक्ति लोग हमेशा और हरदम उठाते हैं और उठाते आ रहे हैं,, ग्राम मुरगेंड माल के जो सरपंच और सरपंच पति बहुत सीधे-साधे एक साध्वी पूर्व जिंदगी जीने वाले में व्यक्ति इसमें से है गांव मे उन्हें पुजारी पटेल या गोटिया कहा जाता है जो हमेशा जनता की भलाई के लिए काम किया जाता है परंतु ऐसे जो दाग लिए हुए जो सचिव पंचायत में प्रवेश करते हैं तो उनके साथ-साथ इन व्यक्तियों को,भी दागदार बनना पड़ता है,, अशोक महंती हमेशा अहमता की सवारी करते हुए किसी भी व्यक्तियों से या,जनमानस से या जनता से या कोई भी व्यक्ति से सही ढंग और सही बात नहीं करता अगर कोई बात करता है उसे दो टूक ऐसा जवाब देता है कि आदमी काटो तो खून नहीं, यहां की एक ग्रामीण महिला ने कहा कि सचिव महोदय मेरा एक निराश्रित ,पेंशन बना दो तो उन्हें एक रिप्लाई किया गया की तुम अपने पति को मार लो उसके बाद ही तुम्हें निराश्रित पेंशन दिया जाएगा ऐसा शब्द ऐसी वजह और इस प्रकार से अभद्रता शब्दों का प्रयोग करना लाजमी नहीं है,, इनकी कारास्तानी का शिकार होकर मजबूर वश जनता ने अपना मुंह खोल नाली सफाई, मुरमी करण, आहाता निर्माण,, लोकसभा चुनाव खर्च, देवगुड़ी बोर खनन,, पंचायत बोर खनन सड़क मरम्मत, सोखता गड्ढा निर्माण गोठान में बोर खनन, शेड निर्माण,, उपकरण सेट,, आंगनवाड़ी भवन निर्माण,, स्कूल समतलीकरण , पंचायत में कार्यक्रम व्यवस्था,बोर खनन, नाली निर्माण अस्पताल, 15 अगस्त की मिठाई, नाली गली सफाई ,नाली समलीकरण,, रनिंग वाटर, पंचायत में कार्यक्रम व्यवस्था, स्वयं सचिव ने रुपए प्राप्त किया जिसका कोई हिसाब नहीं,, इसलिए जनता और जनमानस परेशान होकर इस सचिव के खिलाफ या आंदोलन यह कार्यक्रम यह रूपरेखा तैयार किए हुए हैं यहां के पंछी जो पटेल यहां के जो पूर्व पंचायत जनपद सदस्य
, उपाध्यक्, चक्रधारी जी,, जगत जी,जो गांव के बारे में जो सोचते हैं कि ऐसा करना गलत है तो पंचायत प्रभारी विधायक तक पहुंचाने के लिए तत्पर है,, सबसे बड़ी बात यह है कि इस पंचायत सचिवों की जो करस्तनी होता है उस बात की जानकारी और रूपरेखा होता है वह होता है जिला सी ई ओ के हाथ में है,जिला सीओ सच्चाई को देखने के बावजूद भी और सच्चाई ऊपर रखने के बावजूद भी केवल जांच पड़ताल और लिखित करने का ही दिशा निर्देश देते हैं परंतु उसे बात उसे वजह से जो अशोक महंती वहां 30 लाख का जो घटना किया है वक्त से पहले पैसा अपने खाते में डाल दिया है पंचायत के खाते में डाल दिया परंतु वह कार्य सरपंच के दो महीना बचने पर भी वह कार्यकाल पू,र्ण नहीं हुआ तो वह यह सोचता है कि अगर सरपंच चला गया तो कोई सवाल नहीं करेंगे इसी वजह से अशोक महंती जो मुंडगेलमाल के पंचायत सचिव है वह इस घपलों का दारोमदार है, शासन क्या सोचती क्या करती है ,,क्या प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत में जो 25000 उस महिला से नवादी यादव से जो छीन लिया अशोक महंती उसकी कोई हल है या फिर उस बात को कोई दवा दिया जाएगा या कुछ कहा जाएगा यह तो कहां नहीं जा सकता परंतु शासन प्रशासन से यह निवेदन और निहित है कि इन सब जितने भी सचिव है जो पंचायत कर्मी होने के बावजूद भी जो घोटाले करते हैं उन घोटाले पर अंकुश लगाए और जो सच्चाई और सत्यता है उसे सत्यता की परख और दर्पण पर उसे बर्खास्त किया जाए परंतु अशोक महंती एक ऐसा गंदा मछली है जो सारे पंचायत को गंदा करता है अगर ये जिस पंचायत मे गया वह पंचायत ही गंदा कर देगा वहां के सरपंच को भी वह बदनाम कर देगा वहां की जनता की जो प्रॉब्लम हैं उस समस्या को हल नहीं कर सकता ऐसे सचिव को बर्खास्त करना, सस्पेंड कर देना और कार्यकाल से मुक्त कर देना शासन और प्रशासन और बड़े अधिकारी, आला अधिकारी के हाथ में है वह अब तक क्यों इसका हल नहीं कर रहे हैं यह सवाल सबके जेहन और सबके दिमाग में सवाल है,,,