स्वास्थ्य विभाग लपर्रवाई से मरीज परेशान : बिना ट्यूटी आये ही पगार पा रहे आरएमए
रिपोर्टर सन्नू हेमला
जिले में बिना ड्युटी पर आए ही एक आरएमए जो खुद को डॉक्टर बताते हैं पगार पा रहे है। पूरा मामला आवापल्ली अस्पताल का है। जहाँ उसुर विकासखंड के बीएमओ की मिलीभगत से आरएमए अपनी ड्युटी से नदारद रहते हैं। इतना ही नहीं लंबे समय तक ड्युटी से गायब रहने के बाद उपस्थिति पंजी में भी दस्तखत कर देते है। मतलब आप समझ सकते हैं कि नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में स्वास्थ्य विभाग में कैसा गोलमाल चल रहा है।
हालांकि बीएमओ साहब सभी कर्मचारियों के लिए ऐसी मेहरबानी नहीं दिखाते है। कोई दूसरा कर्मचारी गायब रहे तो उसको नोटिस जारी कर दिया जाता है या फिर उसकी तनख्वाह काट दी जाती है। जबकि बीएमओ के चहेते आरएमए गिरधरलाल देशलहरे पर कार्रवाई करना तो दूर मामले की जांच तक नहीं करा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक यदि आरएमए का मोबाइल लोकेशन निकाला जाये तो पूरे मामले का खुलासा हो जायेगा। 4 सितंबर से 17 सितंबर तक ड्युटी से नदारत थे। इस बीच 4 दिन का सीएल लिया है। लेकिन जो सबूत हमारे पास हैं उसके मुताबिक ड्युटी से कई दिनों तक गायब रहने के बाद आरएमए ने अपना दस्तखत किया है। इस तरह से बीजापुर जिले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घर बैठे सैलरी लेने का खेल खेल रहें है। इससे शासन प्रशासन की छवि खराब हो रही है साथ ही साथ आदिवासी ग्रामीणों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
सीसीटीवी कैमरे की दिशा बदली….
आवापल्ली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सीसीटीवी कैमरा लगाया है गया। लेकिन उसकी दिशा बदल दी गई है। इसके पिछे कई चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। अस्पताल में कई संदिग्ध गतिविधियों की खबरे आती रहती है। आशंका है कि शायद इसी वजह से सीसीटीवी कैमरा की दिशा बदल दी गई है। ताकि उससे बचा जा सके