चुनाव रद्द करने की याचिका पर बुरे फंसे खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल
रिपोर्टर भगवान सिंह चौहान
बीते दिनों हुए 18वें लोकसभा चुनाव में खंडवा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से मौजूदा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने जीत दर्ज कराई थी। वहीं, चुनाव के समय से ही भाजपा प्रत्याशी के सामने चुनाव लड़ रहे, पराजित कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र पटेल ने सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के निर्वाचन को शून्य घोषित किये जाने की मांग की थी। इसको लेकर स्थानीय निर्वाचन अधिकारी को बताया गया था कि पाटिल ने नामांकन पत्र के साथ दिए शपथ पत्र में बैंक के लोन में डिफाल्टर होने की जानकारी छुपाई थी।शनिवार 19 सितंबर कोई याचिकाकर्ता नरेंद्र पटेल द्वारा बताएं अनुसार इस तथ्य को आधार बनाकर हाईकोर्ट जबलपुर में 19 जुलाई को एक प्रकरण भी दर्ज करवाया था। उसी मामले की चौथी सुनवाई के समय हाईकोर्ट ने इस पिटीशन पर एक्शन लेते हुए सिटीजन सहकारी बैंक बुरहानपुर के चीफ एग्जीक्यूटिव को नोटिस जारी किया है।
लोन डिफाल्टर होने का यह है पूरा मामला
जानकारी मुताबिक खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल को साल 2015-16 में करीब 71 लाख रुपये के लोन की किस्त राशि सिटीजन को ऑपरेटिव बैंक बुरहानपुर को देनी थी। ठीक उसी समय ज्ञानेश्वर पाटिल बैंक समिति के मौजूदा पदाधिकारी भी थे, लेकिन लोन की राशि तय समय निकल जाने के बाद भी बकाया रहने के चलते, उस समय के बैंक के अभिकर्ताओं की शिकायत पर मौजूदा सांसद पाटिल को बैंक का डिफॉल्टर घोषित किया गया था। यही नहीं उन्हें उनके पद से भी हटा दिया गया था। तभी से लोन की वह राशि सांसद पाटिल के नाम पर सिटिजन कोऑपरेटिव बैंक मे कर्ज के रूप में बकाया है।
चौथी सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जारी किए नोटिस
चुनाव निर्वाचन अधिकारी को सांसद पाटिल की जो शिकायत की गई थी, उसमें बताया गया था कि उनके समक्ष प्रस्तुत नामांकन पत्र में पाटिल ने लोन की जानकारी दर्ज नहीं की है। इस पर शनिवार मीडिया को दी गई जानकारी अनुसार इसी चुनावी आपत्ति को आधार बनाकर कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र पटेल ने 19 जुलाई को जबलपुर हाईकोर्ट में एक पिटीशन दायर की थी। इस पिटीशन की सुनवाई 13 अगस्त, 4 सितंबर और 18 सितंबर को पहले भी हो चुकी थी। जिसके बाद हुई चौथी सुनवाई के बाद अब कोर्ट ने सिटीजन को ऑपरेटिव बैंक बुरहानपुर के चीफ एग्जीक्यूटिव को नोटिस जारी करते हुए यह आदेश दिया है कि आगामी 8 नवंबर को बीजेपी के ज्ञानेश्वर पाटिल द्वारा लिए गए लोन के संपूर्ण दस्तावेज लेकर कोर्ट में हाजिर होना है।
अधिवक्ता अग्रवाल अब सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती
लोकसभा चुनाव 2024 में खंडवा संसदीय सीट से चुनाव लडे निर्दलीय प्रत्याशी और अधिवक्ता मनोज अग्रवाल ने विजयी बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटील के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल की थी। याचिका में आरोप लगाया था कि सांसद ज्ञानेश्वर पाटील ने अपने नामांकन पत्र में बुरहानपुर की सिटीजन कोऑपरेटिव बैंक का लोन डिफॉल्ट होने की जानकारी छिपाई थी। अग्रवाल ने कोर्ट से मांग की थी कि पाटील का निर्वाचन रद्द कर, दूसरे सबसे अधिक वोट पाने वाले उम्मीदवार को सांसद घोषित किया जाए। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस याचिका को पर्याप्त आधार नहीं मानते हुए खारिज कर दिया है। रविवार को पत्रकारवार्ता में मनोज अग्रवाल ने कहा कि यह फैसला त्रुटिपूर्ण है और वे इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। जबकि इस पूरे मामले में सांसद पाटील की अभी तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं है।