रेलवे फाटक समपार क्रमांक 177 बंद करने की विधिवत सूचना नहीं देने के बाद ओवर ब्रिज पर एक्सीडेंट
संवादाता मोहम्मद शरीफ कुरैशी
रतलाम जावरा 24 अक्टूबर 2024 रात 10:30 बजे बाइक आमने-सामने की टक्कर से घायल
एडवोकेट प्रवीण सिंह सोलंकी को गंभीर अवस्था के कारण जिला चिकित्सालय रतलाम रेफर
आगामी अनेक एक्सीडेंट नहीं होने का एकमात्र हल है, रेलवे फाटक क्रमांक 177 पुनः चालू की जाए
मध्य प्रदेश में रतलाम जिले की सबसे बड़ी जावरा नगर स्थित चौपाटी ओर जावरा के मध्य शहरी क्षेत्र के समन्वय के रूप में नवीन ओवर ब्रिज पर गुरुवार की रात्रि 10:30 बजे दो बाईक के आमने-सामने की भिड़ंत के बाद भीषण एक्सीडेंट हो गया । इस दुर्घटना में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जावरा व अभिभाषक संघ जावरा के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप सिंह सोलंकी एडवोकेट के पुत्र पूर्व लोक अभियोजक प्रवीण सिंह सोलंकी एडवोकेट गंभीर रूप से घायल हो गए । श्री सोलंकी के सिर में गंभीर चोट होने के फल स्वरूप उन्हें जिला चिकित्सालय रतलाम में भर्ती किया गया है । शहर पुलिस थाने के ठीक सामने हुए ओव्हर ब्रिज पर जोरदार एक्सीडेंट के बाद मौके पर बहुत ज्यादा ब्लड भी अधिक बह रहा था और सोशल मीडिया पर खून पीने के लिए कुत्ते मंडराने का दृश्य लोगों ने देखा । दुर्घटना होने के बाद प्रारंभिक उपचार शासकीय चिकित्सालय जावरा में होने के बाद प्रवीण सोलंकी एडवोकेट को रतलाम जिला चिकित्सालय रेफर किया है। इधर दूसरी बाइक पर सवार चौपाटी शांतिवन निवासी एक युवक को चोट लगने के बाद जावरा शासकीय चिकित्सालय में ही भर्ती किया गया है । अहम सवाल यह है कि सोशल मीडिया व समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर वायरल होने के बावजूद पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान नहीं है कि जब महात्मा गांधी हायर सेकेंडरी स्कूल खेल मैदान के पीछे पीलिया खाल नदी पर रेलवे पटरी दोहरीकरण के लिए एक पुलिया का निर्माण कार्य चल रहा है यह निर्माण कार्य पूर्ण होने में कम से कम 3 माह और चलेगा ऐसी स्थिति ढोढर की साइड से जावरा आने वाली दोहरीकरण की पटरिया भीमा खेड़ी अंडर ब्रिज पर आकर रुकना बिल्कुल तय है। जितना समय इस पुल निर्माण कार्य पर लगेगा उतने समय के लिए रेलवे फाटक समपार क्रमांक 177 को जनहित में पुनः चालू किया जा सकता है जिस पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाना अत्यंत आवश्यक है जैसे में ही पीलिया खाल पर ब्रिज निर्माण व अंडर ब्रिज के दोनों कार्य करीब तीन माह पश्चात कंप्लीट हो जाएगा तब तक जो रेलवे फाटक क्रमांक 177 बंद है उसे अंडर ब्रिज निर्माण पूरा होने के बाद बंद किया जा सकता है । रेलवे फाटक क्रमांक 177 पर चौपाटी क्षेत्र एवं जावरा शहर का 70 प्रतिशत यातायात सुगमतापूर्वक चल रहा था अनेक स्कूल और कॉलोनीवासियों के लोगों को आवागमन में काफी सुविधा थी और चौपाटी क्षेत्र से लेकर रतलामी गेट क्षेत्र के 500 से भी ज्यादा व्यापारीयों का व्यापार भी प्रभावित नहीं होता और यातायात भी सुगमतापूर्वक चल रहा होता लेकिन एयर कंडीशनर में बैठने वाले अधिकारी, रेलवे इंजीनियर व टेक्निकल ऑफीसर फील्ड में जाकर लोगों की वास्तविक परेशानियों को समझने को तैयार नहीं है और न जनप्रतिनिधियों और मीडिया द्वारा ध्यान आकर्षित करने के बावजूद मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेने को तैयार नहीं है। ओव्हर ब्रिज पर लगातार एक्सीडेंट इसलिए होंगे क्योंकि ओव्हर ब्रिज की चौड़ाई साढ़े सात मीटर है जिसमें सेतु निगम, स्थानीय प्रशासन एवं जिम्मेदारों ने टू व्हीलर वाहन व पैदल यात्रियों के आवागमन हेतु कोई व्यवस्था नहीं की । इस ओव्हर ब्रिज की डिजाइन सर्प के आकार में क्यों बनाई गई, यह भी समझ से परे हैं ? शायद पूरे मध्य प्रदेश में यह औवर ब्रिज एक वीभत्स नमूना है जो बहुत ज्यादा घुमावदार के बहुत कम चोड़ा है यदि बरगढ़ (जावरा) से नयागांव (नीमच) फोरलेन सड़क मार्ग पर जावरा में चूरू वाला दाल मिल के सामने निर्मित ओव्हर ब्रिज जैसी डिजाइन और चौड़ा ओव्हर ब्रिज का निर्माण होता तो इस प्रकार हादसे नहीं होते ? ओव्हर ब्रिज एक्सीडेंट को रोकने का एकमात्र उपाय यही है कि अंडर ब्रिज बनने तक रेलवे फाटक समपार क्रमांक 177 को जनहित में पुनः चालू किया जाना चाहिए । एक बार पुनः रेलवे प्रशासन व स्थानीय प्रशासन का ध्यान जन चेतना मंच जावरा आकर्षित करना चाहता है कि पीलिया खाल नदी पर रेलवे ब्रिज चौडी करण कर रहा है इसके निर्माण पर तीन माह का समय लगेगा ऐसी हालत में जावरा के बीचो- बीच रेलवे फाटक क्रमांक 177 को अनावश्यक बंद कर कौन सी उपलब्धि हासिल करना चाहता है, इसे जन हित को प्राथमिकता देते हुए फोरी हालत में चालू किया जाना चाहिए ।