बिजुरी नगर के हृदय स्थल हनुमान मंदिर चौराहे मुन्ना मोबाइल के यहां चोरों ने बोला धावा- क्षेत्र वासियों ने चोर को पकड़ कर किया पुलिस के हवाले

रिर्पोट – मृगेन्द्र सिंह
अनूपपुर – बहुत पुरानी कहावत है पुलिस करे ना चाकरी.. को अभी तक यही कहा जा रहा था कि यह पंक्ति इतिहास बन गई है, लेकिन न यह इतिहास बनी और न ही इसके भविष्य की हम भविष्यवाणी करते है। कारण यह कि इसका उदाहरण हमें लगातार बिजुरी थाने क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। बिजुरी नगर के पुलिस पर ऐसा कलंक लगा है जिसको मिटाने में काफी समय लगेगा रेत माफियाओं का ऑडियो खुले आम बिजुरी पुलिस की निष्पक्षता की धज्जियां उड़ा रहा है वहीं क्षेत्र में हुई कई चोरियों व अन्य वारदातों का खुलासा आज तक नहीं हो सका।
जी हां, क्षैत्र में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही है, मगर पुलिस अब तक किसी भी वारदात का खुलासा नही कर सकी है। चोर गिरोह ने अब शहर में व्यापारियो के साथ लूट की वारदात को अंजाम देना शुरू कर दिया है, जिससे व्यापारियो में हडक़ंप और दशहत का माहौल बन गया है।
गुरुवार की रात्रि को नगर के हृदय स्थल हनुमान मंदिर चौराहे में मुन्ना मोबाइल की दुकान में चोरों द्वारा ऊपर छत से चढ़कर सीलिंग काटकर करीब 15 लाख रुपए तक के मोबाइल चोरी कर भागने के फिराक में थे तभी रात 2:00 बजे के आसपास मुन्ना मोबाइल के परिवार के सदस्य को दुकान के छत से कुछ आवाज आने की आहट सुनकर देखा तो चोर चोरी कर भागने के फिराक में थे तभी हल्ला किए जाने पर दो चोरों में से एक चोर भाग गया वही एक चोर माल सहित पकड़ लिया गया जिसे लोगों द्वारा पुलिस के हवाले कर दिया गया
घटना के बाद पुलिस छानबीन में जुटी। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि घटनास्थल जो नगर का हृदय स्थल हनुमान मंदिर चौराहा जहां 12- 01 बजे रात तक लोगों का आना-जाना बना रहता है वहां पर चोरों द्वारा बेखौफ होकर चोरी करना कहीं ना कहीं चोरों का पुलिस प्रशासन के प्रति डर बिल्कुल खत्म हो गया है |
पूरे क्षैत्र में बदमाशो का खौफ, फिर भी पुलिस का सुस्त रवैया:
पूरे बिजुरी नगर क्षेत्र में सक्रीय चोर गिरोह आए दिन चोरी, लूट जैसी बड़ी वारदातो को अंजाम दे खौफ फैला रहे है, लेकिन पुलिस अपराधियों को दबोचने में अब तक नाकाम रही है। नगर निरीक्षक बिजुरी जो घर से थाने और थाने से घर तक ही आना जाना रहता है नगर में कई बड़ी घटनाएं घट चुकी है मगर नगर निरीक्षक को
इन वारदातो से कुछ लेना देना है, उन्हें तो बस थाने में रहकर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री करना है।