श्रीजी को बैंगनी साटन के घेरदार वागा एवं श्रीमस्तक पर गोल पाग और गोल बाँकी चंद्रिका के शृंगार धराया

रिपोर्ट दर्पण पालीवाल
राजस्थान , राजसमंद,नाथद्वारा। पुष्टिमार्गिय प्रधानपीठ श्रीनाथजी मंदिर में शुक्रवार मार्गशीर्ष शुक्ल तृतीया तिथि पर प्रभु श्रीनाथजी को विशेष श्रृंगार धराया गया। प्रभु श्रीनाथजी को श्रीजी को बैंगनी साटन के घेरदार वागा एवं श्रीमस्तक पर गोल पाग और गोल बाँकी चंद्रिका के शृंगार धराया गया। ऐच्छिक वस्त्र, श्रृंगार के रूप में श्रीजी को बैंगनी साटन का सूथन, चोली एवं घेरदार वागा का श्रृंगार धराया गया एवं श्रीमस्तक पर गोल पाग पर गोल बाँकी चंद्रिका का श्रृंगार धराया गया। श्रीजी में आज बैंगनी रंग की सुरमा सितारा के कशीदे के ज़रदोज़ी के काम वाली एवं हांशिया वाली शीतकाल की पिछवाई धरायी एवं गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफेद बिछावट की गई।वही वस्त्र में श्रीजी को बैंगनी रंग के साटन पर सुनहरी ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित सूथन, चोली एवं घेरदार वागा धराये जाते हैं. पटका मलमल का धराया गया। ठाड़े वस्त्र गुलाबी रंग के धराये गए।
प्रभु श्रीनाथजी को श्रृंगार में प्रभु को छोटा (कमर तक) हल्का श्रृंगार धराया गया । गुलाबी मीना के सर्व आभरण धराये गए एवं श्रीमस्तक पर बैंगनी छज्जेदार पाग के ऊपर सिरपैंच,गोल बाँकी चंद्रिका एवं बायीं ओर शीशफूल धराये गए ।वही श्रीकर्ण में कर्णफूल की एक जोड़ी धराये ,श्वेत पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी गई। श्रीहस्त में कमलछड़ी, गुलाबी मीना के वेणुजी एवं वेत्रजी धराये ,पट बैंगनी व गोटी चाँदी की और आरसी नित्य की सजाई गई।
प्रभु को आज संध्या-आरती दर्शन के उपरांत श्रीकंठ के श्रृंगार बड़े कर छेड़ान के (छोटे) श्रृंगार धराये गए श्रीमस्तक पर लूम-तुर्रा रूपहरी धराये गई।