मोटा टोल भरने के बाद भी घटिया सड़को पर चलने को मजबूर लोग
रिपोर्ट विपिन जैन
बड़वाह- सड़क तो बनी है लेकिन थोड़ी सी बारिश मे ही इनके हाल बिगड़ने लगे है। वाहन-चालक भारी-भरकम टोल टैक्स चुकाकर भी गड्डों भरी खस्ताहाल सड़क से गुजरने के लिए मजबूर है। बड़वाह महेश्वर रोड़ की सड़क का बारिश के बाद बुरा हाल हो गया है। सड़क का डामर उखड गया है। सड़क पर धुल के गुबार उड़ रहे है। दिन-रात उड़ने वाली इस धुल से राहगीर व सड़क के किनारें दुकानदार, स्थानीय निवासियों के फेफड़ों और आंखों मे भर रही है। इस रोड़ टैक्स होने पर खानापूर्ति के नाम पर मेंटेनस चलता रहता रहता है। लेकिन ज्यादा दिन ठीक नही पाता है। जिम्मेदार मोटा टोल ले रहे है। महेश्वर रोड स्थित मंडी के सामने, रेलवे गेट के पास सहित अन्य जगहों पर गड्डे अधिक होने से दिन भर धूल उड़ती रहती है। और टोल टैक्स मेंटेनस के नाम पर जीरों साबित हो रहे है।
*हर किसी के लिए मुसीबत बनी धुल
इस धुल को सड़क किनारें दुकान खोले दुकानदार सहित दो पहिया वाहन चालक परेशान हो रहे है। बारिश के समय हुए गड्डों की मिट्टी धीरे-धीरे बाहर आ गई और जैसे ही कोई भारी वाहन सड़क से निकलता है तो मिट्टी से बने धुल के गुबार राहगीरों को परेशानी का सबब बन जाते है। साथ ही सड़क पर दुकान खोले दुकानदार रोजाना गड्डों की धुल खाकर बीमारी की ओर बढ़ रहे है। वे दिनभर इस धुल से परेशान है मुंह पर मास्क लगाकर रखना पड़ रहा है।
ये हो रही समस्या
इनका कहना है कि उनके पास आने वाले मरीजों मे ऐसे मरीज भी है जो स्ट्रीट वेंडर है। दिनभर धुआं-धुल, ध्वनि प्रदूषण के बीच रहते है। लंबे समय मे इन सब प्रदूषणों का स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है। लोगो को सर्दी-खांसी जैसी समस्या वायु प्रदूष्ण के कारण बढ़ी है। वही सड़कों पर उड़ती धूल से कही तरह की बीमारियां हो सकती है, जैसे. अस्थमा, चर्म रोग, फेफडे कमजोर होना सहित अन्य बीमारियो को न्यौता देती है। घर से बाहर निकलते समय मुंह पर कपड़ा या मास्क लगाए।
*(डॉ.एम आर सोलंकी,बड़वाह)*
महेश्वर रोड़ पर दिनभर उड़ती धुल से परेशानी होती है। टोल कंपनी मेंटेनस के नाम पर खाना पूर्ति कर देती है। फिर वही स्थिति निर्मित हो जाती है। गड्डो के कारण दुर्घटनाऐं होती है। और सड़क पर धुल उड़ती रहती है। जिससें बीमारियां फैल रही है।
*(यशवंत राजपूत, ऑटो पार्ट्स दुकानदार, महेश्वर रोड)*
महेश्वर रोड़ पर उड़ती धुल से हम दिनभर परेशान रहते है। पूरी दुकानो मे धुल जम जाती है। टोल कंपनी अपनी खाना पूर्ति कर इतिश्री कर रही है। लोगों से पूरा टोल वसूल रही है। उडती धुल के गुबारे दुकानों मे आते है। हमकों दिनभर सांस लेने मे परेशानी आने लगी है।
*(राकेश परिहार इलेक्ट्रिकल दुकानदार महेश्वर रोड)*
*और कितने टैक्स भरता है एक वाहन चालक?*
चलिए अब आपको ये भी बता देते हैं कि हमारे देश में टोल टैक्स के अलावा भी और कितने टैक्स हैं, जो वाहन खरीदने वाले हर व्यक्ति को भरने होते हैं.
जब आप गाड़ी खरीदने जाते हैं तो आपको उस गाड़ी की वास्तविक कीमत पर 28 पर्सेंट GST देना होता है, जिसमें 14 पर्सेंट GST केन्द्र सरकार को और 14 पर्सेंट GST राज्य सरकारों को मिलता है. अगर आप स्कूटी या बाइक खरीदते हैं तो उस पर भी आपको 28 पर्सेंट GST देना होता है. 28 पर्सेंट GST के बाद गाड़ियों पर 17 पर्सेंट रोड CESS अलग से लिया जाता है और एक पर्सेंट टैक्स ”TCS” के रूप में वसूला जाता है, जिसे Tax Collected at Source कहते हैं. गाड़ी खरीदते वक्त आपको कार इंश्योरेंस भी लेना होता है, जिस पर 18 पर्सेंट GST अलग से लिया जाता है. और जब आप अपनी गाड़ी का पॉल्युशन सर्टिफिकेट लेने जाते हैं तो इस पर भी आपको 18 पर्सेंट GST देना होता है.
ये सूची यहीं खत्म नहीं होती. इस सबके बाद जब आप अपनी गाड़ी में पेट्रोल-डीजल डलवाते हैं तो उस पर ज्यादातर राज्यों में 30 से 50 पर्सेंट एक्साइज ड्यूटी और VAT लगता है और ये VAT राज्य सरकारें आपसे वसूलती हैं. इसके बाद आपको कार की सर्विस कराने पर हर बार 18 पर्सेंट GST अलग से देना होता है और अगर किसी हाइवे पर टोल टैक्स देने के बाद खराब सड़क और गड्ढों के कारण आपकी गाड़ी का टायर खराब हो जाता है तो नया टायर खरीदने पर भी आपसे सरकारें 28 पर्सेंट GST वसूलती हैं. और अगर दुर्भाग्यवश किसी व्यक्ति का इन सड़कों पर एक्सीडेंट हो जाता है और उसे अपने उपचार के लिए दवाई खरीदनी पड़ती है तो उन दवाइयों पर भी सरकार 5 से 12 पर्सेंट टैक्स लेती है और इतना टैक्स देने के बाद भी इसकी कोई गारंटी नहीं है कि आपको जो सड़कें चलने के लिए मिल रही हैं, वो सड़कें सही होंगी और उन पर गड्ढे नहीं होंगी!