उपहारों के त्यौहार दीपावली पर बच्चों को वास्तविक जीवन उपहार में दे
रिपोर्ट एच बी पटेल
रतलाम निप्र सैलाना शासकीय जनपद प्राथमिक शाला सेमलखेड़ा में पदस्थ नवाचारी शिक्षिका श्रीमतीं माया बैरागी ने दीपावली के पावन पर अपने स्कूल के बच्चों को उपहार दिए ,मिठाई बांटी , श्रीमतीं माया बैरागी जी ने बताया की हर बच्चे को खुशी और आनंद का अनुभव करने का हक है,खासकर उनके बचपन में,आईये इस दीपावली को रोशनी के त्यौहार के रूप में मनाये और इन मासूम बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाए,इन नन्ही आत्माओं को खुश करने के लिए आपको बहुत अधिक धन की आवश्यकता नहीं है,आप उन्हें वह जीवन दीजिए जिसकी आप बचपन में हमेशा चाहत रखते थे,दीपावली यानी रोशनी और उपहार से लेकर वह सब कुछ जो एक बच्चे से लेकर बड़ों तक के चेहरे पर मुस्कान लेकर आती है,जीवन के यह दिन न सिर्फ उन पलों को खूबसूरत बनाते हैं बल्कि हम सभी के जीवन को अपनी खुशबू से महका जाते हैं,हमारे सारे त्यौहार न केवल एक दूसरे को खुशियां बांटने का जरिया है,बल्कि वह अपने भीतर बहुत से सामाजिक संदेश देने का भी जरिया है,दीपावली और उपहारो का गहरा नाता है,बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ ज्ञान रूपी उपहार दीजिए,ज्ञान एक शक्तिशाली उपहार है,हमें बच्चों को बुनियादी साक्षरता,व्यावसायिक प्रशिक्षण,स्वास्थ्य,स्वच्छता जैसे आवश्यक कौशलों पर नैतिक शिक्षा के माध्यम से यह उपहार देना चाहिए जो उनके जीवन को सशक्त बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं,उन्हें यह भी बताएं कि धर्म से ज्यादा महत्वपूर्ण चीज हैं और वह है-इंसानियत,लड़कों को सिखाएं की-उन्हें सिर्फ महिलाओं का ही नहीं बल्कि इस धरती पर मौजूद हर प्राणी का सम्मान करना चाहिए,लड़कियों को जीवन में हर मुश्किल का सामना करने के लिए हिम्मत एवं साहस रूपी उपहार दीजिए,जिससे वह अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना बखूबी कर सके,यह बातें अक्सर बच्चों को नहीं सिखाई जाती है जिससे उनका जीवन एक अस्तित्व बनकर रह जाता है,यह सारी बातें बच्चों को सिखाएं,उन्हें एक वास्तविक जीवन और मुस्कान उपहार में दे,
आईये संकल्प ले इस दीपावली इन नन्हे-मुन्ने दीपक रूपी बच्चों के जीवन में शिक्षा रूपी प्रकाश के माध्यम से उजियारा फैलाएं दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं, इस अवसर पर स्कूल के सभी बच्चे उपस्थित हुवे ,जानकारी नवाचारी शिक्षक आज़ाद पटेल ने दी ।